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गुरूवार, 5 जून, 2025
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अमेरिका के प्रस्तावित 50 प्रतिशत शुल्क से इंजीनियरिंग निर्यात प्रभावित होगा : ईईपीसी

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कोलकाता, दो जून (भाषा) भारतीय इंजीनियरिंग निर्यात संवर्धन परिषद (ईईपीसी) ने कहा है कि अमेरिकी प्रशासन के इस्पात और एल्युमीनियम के आयात पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाने के प्रस्ताव से भारत के इंजीनियरिंग उत्पादों के निर्यात पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।

ईईपीसी ने कहा कि ये धातुएं और उससे बने उत्पाद देश से अमेरिका को किए जाने वाले कुल इंजीनियरिंग निर्यात का करीब एक-चौथाई हिस्सा हैं।

भारत वर्तमान में अमेरिका को सालाना लगभग पांच अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य का इस्पात, एल्युमीनियम और संबंधित उत्पादों का निर्यात करता है।

परिषद ने कहा गया कि अमेरिका के 18 मार्च, 2025 को इस्पात आयात पर लगाया गया मौजूदा 25 प्रतिशत शुल्क पहले ही भारतीय निर्यातकों के लिए बाजार की स्थिति कठिन बना चुका है।

अमेरिका को सीधे निर्यात सीमित बना है लेकिन शुल्क ने वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ा दिया और व्यापार प्रवाह को बाधित किया है।

ईईपीसी इंडिया के चेयरमैन पंकज चड्ढा ने कहा, ‘‘ अगर अमेरिका इस्पात, एल्युमीनियम और उनसे बने सामान पर 50 प्रतिशत शुल्क लागू करता है तो इन महत्वपूर्ण वस्तुओं का निर्यात महंगा हो जाएगा जिससे निर्यात में गिरावट आने की आशंका है।’’

उन्होंने बताया कि ब्रिटेन ने हाल ही में अमेरिका के साथ व्यापार समझौते के जरिये इस्पात और एल्यूमीनियम पर 25 प्रतिशत शुल्क से छूट हासिल की है।

चड्ढा ने सुझाव दिया कि भारत को द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर जारी वार्ता के दौरान इसी तरह की छूट की मांग करनी चाहिए।

ईईपीसी इंडिया के चेयरमैन ने कहा, ‘‘ इस तरह के एकतरफा शुल्क के लिए यह सही समय नहीं हो सकता है, खासकर तब जब बीटीए पर वार्ता जारी हो। इससे बातचीत जटिल हो सकती है। प्रस्तावित बढ़ोतरी से करीब पांच अरब अमेरिकी डॉलर के इंजीनियरिंग निर्यात को नुकसान पहुंच सकता है।’’

भाषा निहारिका अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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