मुंबई, तीन जून (भाषा) भारतीय समूह आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा कि अमेरिका में व्यापक स्तर पर स्थिरता एवं पारदर्शिता उसे समूह के लिए एक आकर्षक निवेश गंतव्य बनाती है।
बिड़ला ने कहा कि उनके समूह ने पिछले 17 वर्ष में अमेरिका में 15 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश किया है, जिससे वह उस देश में सबसे बड़ा भारतीय निवेशक बन गया है।
करीब 65 अरब अमेरिकी डॉलर वाले समूह के चेयरमैन ने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि उद्योग में हमारे जैसे लोग स्थिरता चाहते हैं। हम पारदर्शिता चाहते हैं। मुझे लगता है कि यह सब व्यापक स्तर पर हमें अमेरिका में मिलता है जो निवेश के वास्ते इसे हमारे लिए एक बेहद आकर्षक गंतव्य बनाता है।’’
बिड़ला ने वॉशिंगटन डीसी में सोमवार को आयोजित एक समारोह में यह बात कही। कार्यक्रम में उन्हें अमेरिका-भारत सामरिक भागीदारी मंच (यूएसआईएसपीएफ) द्वारा वैश्विक नेतृत्व पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
उन्होंने कहा कि समूह अमेरिका में 5,400 से अधिक लोगों को रोजगार देता है, जिनमें से मुख्य रूप से एल्युमीनियम विनिर्माता नोवेलिस में कार्यरत हैं जिसका राजस्व में 18 अरब अमेरिकी डॉलर का योगदान है।
बिड़ला ने अमेरिका को अवसरों की भूमि करार देते हुए कहा कि समूह का सबसे बड़ा ग्रीनफील्ड निवेश अलबामा के ‘बे मिनेट’ में 3,000 एकड़ में फैली 4.1 अरब अमेरिकी डॉलर की एकीकृत एल्युमीनियम रोलिंग मिल है।
उन्होंने कहा, ‘‘ हमने अमेरिका को इसलिए चुना क्योंकि हम इस राष्ट्र की शक्ति, स्थिरता और संभावनाओं में विश्वास करते हैं।’’
बिड़ला ने कहा कि वर्तमान में 1,000 से अधिक ठेकेदार उक्त परियोजना पर काम कर रहे हैं और वर्ष के अंत तक यह संख्या दोगुनी हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि इस संयंत्र से 1,000 स्थायी नौकरियां उत्पन्न होंगी।
बिड़ला ने कहा कि भारत तेजी से अनौपचारिक से औपचारिक अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहा है।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस बदलाव से समूह को पेंट्स कारोबार में निवेश करने में मदद मिली है, जहां उसने छह संयंत्र स्थापित किए हैं। उन्होंने भारत सरकार की आर्थिक नीतियों की भी सराहना की।
बयान के अनुसार, इस कार्यक्रम में आईबीएम के चेयरमैन, सीईओ एवं अध्यक्ष अरविंद कृष्णा और हिताची के कार्यकारी अध्यक्ष तोशियाकी हिगाशिहारा को भी सम्मानित किया गया।
भाषा निहारिका नरेश
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