scorecardresearch
Saturday, 16 November, 2024
होमदेशअर्थजगतअमेरिका को उम्मीद, भारत सोयाबीन निर्यात में व्यापार बाधाएं दूर करेगा

अमेरिका को उम्मीद, भारत सोयाबीन निर्यात में व्यापार बाधाएं दूर करेगा

Text Size:

नयी दिल्ली, दो अगस्त (भाषा) अमेरिका को उम्मीद है कि भारत, छोटी- छोटी व्यापार बाधाओं को दूर करते हुए बिना जीन संवर्धन वाले सोयाबीन और विशेष सोयाबीन उत्पादों के निर्यात को सुगम बनाएगा। वरिष्ठ अमेरिकी राजनयिक ने मंगलवार को यह कहा।

मौजूदा समय में, अमेरिका सालाना लगभग 15,000 टन सोया आइसोलेट प्रोटीन का निर्यात कर रहा है, जो भारत में मूल्यवर्धित उत्पादों में उपयोग किया जाने वाला एक प्रमुख घटक है। अमेरिका दुनिया के प्रमुख सोयाबीन उत्पादकों और निर्यातकों में से एक है।

अमेरिकी विदेश कृषि सेवा (एफएएस) के भारत, नेपाल और श्रीलंका के प्रभारी, मार्क रोसमैन, ने एक कार्यक्रम के दौरान पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘हम मानते हैं कि सोयाबीन में भारत का अपना स्थान है और हम स्थानीय उत्पादन के लिए परेशानी नहीं खड़ी करना चाहते। हालांकि, हम अमेरिका के उच्च गुणवत्ता वाले सोयाबीन ला सकते हैं जो भारतीय खाद्य प्रसंस्करणकर्ताओं के लिए फायदेमंद हो सकता है।’’

उन्होंने कहा कि अमेरिका उम्मीद कर रहा है कि सोयाबीन के व्यापार को आसान बनाने के लिए उच्च शुल्क संरचना, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) की बिना जीन संवर्धन (नॉन-जीएमओ) वाले सोयाबीन उत्पाद होने की आवश्यकता, लेबलिंग और स्वच्छता मुद्दों जैसे व्यापार बाधाओं को हटा दिया जाए या कम कर दिया जाए तो इससे सोयाबीन का व्यापार करने की सुविधा बढ़ेगी और व्यापार करने की भी आसानी होगी।

अमेरिकी निर्यातकों के समक्ष व्यापार बाधाओं के बारे में पूछे जाने पर, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालयों में एक वरिष्ठ भारतीय अधिकारी सनोज कुमार झा ने कहा, ‘‘हमें अभी तक इन मुद्दों पर औपचारिक प्रतिवेदन नहीं मिला है। एक बार जब हम उसे प्राप्त कर लेंगे, तो हम अध्ययन करेंगे और वाणिज्य मंत्रालय के सामने इसे रखेंगे।’’

भारत साल भर में लगभग 1.3-1.4 करोड़ टन सोयाबीन का उत्पादन करता है।

भाषा राजेश राजेश रमण

रमण

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments