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Monday, 24 June, 2024
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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘PM विश्वकर्मा’ योजना को दी मंजूरी- पारंपरिक कारीगरों, शिल्पकारों को मिलेगा समर्थन

इस योजना की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 77वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र के नाम अपने संबोधन के दौरान की थी.

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नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को ग्रामीण और शहरी भारत के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को समर्थन देने के लिए ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना को मंजूरी दे दी.

इस योजना की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 77वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र के नाम अपने संबोधन के दौरान की थी.

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ‘विश्वकर्मा योजना को मंजूरी दी जिसके माध्यम से गुरु-शिष्य परंपरा के तहत कौशल कार्यों को बढ़ाने वाले कामगारों का कौशल विकास किया जाएगा और उन्हें ऋृण सुविधा एवं बाजार पहुंच प्रदान करने में मदद की जाएगी.

केंद्रीय मंत्री ने बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई.

मीडिया को जानकारी देते हुए रेलवे, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस योजना का वित्तीय परिव्यय 13,000 करोड़ रुपये है.

उन्होंने कहा, ”इस योजना के तहत उदार शर्तों पर एक लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराया जाएगा.”

गुरु-शिष्य परंपरा

उन्होंने बताया कि छोटे-छोटे कस्बों में अनेक वर्ग ऐसे हैं जो गुरु-शिष्य परंपरा के तहत कौशल से जुड़े कार्यों में लगे हैं. इनमें लोहार, कुम्हार, राज मिस्त्री, धोबी, फूल का काम करने वाले, मछली का जाल बुनने वाले, ताला-चाबी बनाने वाले, मूर्तिकार आदि शामिल हैं.

वैष्णव ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में इन वर्गों का महत्वपूर्ण स्थान है और इन्हें नया आयाम देते हुए मंत्रिमंडल ने ‘विश्वकर्मा योजना’ को मंजूरी दी है.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से इस योजना का संकेत दिया था.

वैष्णव ने बताया कि इसमें इस बात पर ध्यान दिया जाएगा कि इन वर्गों का किस तरह से अधिक कौशल विकास हो तथा नए प्रकार के उपकरणों एवं डिजाइन की जानकारी मिले.

उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत उपकरणों की खरीद में भी मदद की जाएगी. इसके तहत दो प्रकार का कौशल विकास कार्यक्रम होगा जिसमें पहला ‘बेसिक’ और दूसरा ‘एडवांस’ होगा. इस कोर्स को करने वालों को मानदेय (स्टाइपंड) भी मिलेगा.

मंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत प्रथम चरण में एक लाख रूपये तक का कर्ज दिया जाएगा जिस पर रियायती ब्याज (अधिकतम पांच प्रतिशत) तय होगा.


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