नयी दिल्ली, 22 मार्च (भाषा) संयुक्त राष्ट्र व्यापार एवं विकास सम्मेलन (अंकटाड) का कहना है कि वर्ष 2024 में विश्व व्यापार परिदृश्य आशावादी रहने का अनुमान है।
अंकटाड को वैश्विक मुद्रास्फीति में नरमी और आर्थिक वृद्धि में सुधार के चलते ऐसी उम्मीद है।
वैश्विक निकाय ने अपनी ‘वैश्विक व्यापार सूचना’ में कहा कि 2023 में वैश्विक व्यापार में गिरावट मुख्य रूप से विकसित देशों में कम मांग और पूर्वी एशिया तथा लातिन अमेरिकी देशों में व्यापार से जुड़ी कमजोरियों के चलते थी।
जिंस की कीमतों में नरमी ने 2023 में अंतरराष्ट्रीय व्यापार के मूल्य को कम करने में अहम भूमिका निभाई। इसके विपरीत, सेवाओं के व्यापार में 2023 के अधिकांश समय में वृद्धि हुई।
अंकटाड ने कहा कि वैश्विक व्यापार में बढ़ोतरी से भारत को 2024 में अपना निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी।
रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 के लिए अनुमान अधिक आशावादी हैं, जो गतिविधियों में बढ़ोतरी का संकेत देते हैं। इसके अतिरिक्त, पर्यावरण के अनुकूल वस्तुओं की बढ़ती मांग से 2024 में व्यापार को बढ़ावा मिलना चाहिए।
हालांकि अंकटाड ने कहा कि भू-राजनीतिक तनाव, बढ़ती परिवहन लागत और कई देशों में कर्ज के उच्च स्तर से वैश्विक व्यापार पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
भाषा पाण्डेय प्रेम
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