मुंबई, 14 मार्च (भाषा) भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के अर्थशास्त्रियों ने कहा कि यदि यूक्रेन-रूस युद्ध जारी रहा तो रुपया डॉलर के मुकाबले कमजोर होकर जून तक 77.5 के निचले स्तर पर पहुंच सकता है और दिसंबर तक यह मामूली सुधार के साथ 77 के स्तर पर आ जाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर कच्चा तेल 130 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर बना रहा, तो चालू खाता घाटा (सीएडी) 3.5 फीसदी होगा, जिससे विकास दर घटकर 7.1 फीसदी पर आ जाएगी।
भारतीय स्टेट बैंक समूह के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष ने सोमवार को एक टिप्पणी में कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में कच्चे तेल की औसत कीमत 100 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल तक बढ़ जाती है, तो इससे वृद्धि दर घटकर 7.6 प्रतिशत के स्तर पर आ जाएगी, जिसके पहले आठ प्रतिशत रहने का अनुमान था।
ऐसे में मुद्रास्फीति 4.5 प्रतिशत से बढ़कर पांच प्रतिशत हो जाएगी, और चालू खाता घाटा बढ़कर 86.6 अरब डॉलर या जीडीपी का 2.5 प्रतिशत हो जाएगा।
टिप्पणी में कहा गया कि अगर तेल की औसत कीमत 130 अरब डॉलर रहती है तो चालू खाता घाटा 3.5 प्रतिशत तक बढ़ सकता है।
भाषा पाण्डेय
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