मुंबई, सात मार्च (भाषा) रूस-यूक्रेन संघर्ष की वजह से कच्चे तेल के दाम बढ़ने और वैश्विक बाजारों में कमजोरी के रुख से घरेलू शेयर बाजारों के लिए सोमवार का दिन खासा प्रतिकूल रहा और सेंसेक्स 1,491 अंक की भारी गिरावट के साथ बंद हुआ।
तीस शेयरों वाले सूचकांक सेंसेक्स की शुरुआत बेहद कमजोर रही और दिनभर में इसमें 1,966.71 अंक यानी 3.61 प्रतिशत तक की उठापटक देखी गई। हालांकि, बाद में यह नुकसान की थोड़ी भरपाई करने में सफल रहा और कारोबार के अंत में 1,491.06 अंक यानी 2.74 प्रतिशत की बड़ी गिरावट के साथ 52,842.75 अंक पर बंद हुआ।
इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 382.20 अंक यानी 2.35 प्रतिशत की भारी गिरावट के साथ 15,863.15 अंक के स्तर पर आ गया।
ट्रेडिंगो के संस्थापक पार्थ न्यति ने इस भारी गिरावट के लिए भू-राजनीतिक कारणों को जिम्मेदार बताते हुए कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के बढ़ते दाम भारत में निवेशकों की धारणा को काफी प्रभावित कर रहे हैं। कच्चे तेल के दाम 130 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंचने और डॉलर के मुकाबले रुपये में भी कमजोरी आने से हमारे बाजार में दबाव देखा जा रहा है।’’
घरेलू बाजार में गिरावट का असर सेंसेक्स में शामिल कंपनियों के प्रदर्शन पर भी देखा गया। इंडसइंड बैंक, एक्सिस बैंक, मारुति सुजुकी, बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, अल्ट्राटेक सीमेंट और महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयरों में 7.63 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई।
इसके उलट भारती एयरटेल, एचसीएल टेक, टाटा स्टील और इन्फोसिस के शेयर लाभ के साथ बंद हुए।
बीएसई के विभिन्न वर्गों के सूचकांकों में रियल्टी, बैंक, वित्त और वाहन में काफी नुकसान देखा गया।
एशिया के अन्य बाजारों में हांगकांग, शंघाई और तोक्यो खासी गिरावट में रहे।
यूरोप के बाजारों में भी दोपहर के सत्र में नकारात्मक धारणा देखी गई।
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 6.08 प्रतिशत के उछाल के साथ 125.3 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर पहुंच गया।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) का बिकवाली का रुख बरकरार है। शेयर बाजार के अस्थायी आंकड़ों के मुताबिक, शुक्रवार को एफआईआई ने 7,631.02 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की बिक्री की।
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प्रेम अजय
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