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सोमवार, 28 अप्रैल, 2025
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खाद्यतेल तिलहन कीमतों में सुधार का रुख

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नयी दिल्ली, दो अगस्त (भाषा) विदेशों में मजबूत रुख के बीच दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में बुधवार को लगभग सभी तेल तिलहन कीमतों में सुधार आया। सरसों, मूंगफली एवं सोयाबीन तेल तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तेल तथा बिनौला तेल कीमतों में मजबूती रही।

शिकागो एक्सचेंज कल रात डेढ़ प्रतिशत मजबूत बंद हुआ था और फिलहाल यहां सुधार का रुख है। मलेशिया एक्सचेंज में फिलहाल सुधार है।

बाजार सूत्रों ने कहा कि अब देश के तेल तिलहन का कारोबार विदेशों की घट बढ़ से काफी कुछ संचालित होता दीखता है जिसे बहुत अच्छा नहीं माना जाना चाहिये। वैसे विदेशी बाजारों में मजबूती के कारण तेल तिलहन कीमतों में सुधार तो है पर मांग कमजोर है। इसलिए संभवत: ऋणसाख पत्र को बनाये रखने के मकसद से आयातित सोयाबीन को आयात की लागत भाव के मुकाबले बंदरगाह पर चार रुपये किलो कम दाम पर और पामोलीन 1.5 रुपये कम दाम पर बेचा जा रहा है।

सीपीओ को प्रसंस्कृत कर पामोलीन बनाने में चार रुपये किलो का नुकसान है। सीपीओ के शुल्क भुगतान के बाद भाव बैठता है 82.50 रुपये किलो और इसे रिफाइंड करने पर भाव बैठता है 90 रुपये किलो। जबकि इसके बिक्री का बाजार भाव 86 रुपये किलो बैठता है।

सूत्रों ने कहा कि मौजूदा खरीफ सत्र में कपास और बिनौला खेती का रकबा घटना कोई अच्छा संकेत नहीं है। मूंगफली की मांग को देखते हुए इसका रकबा बढ़ना चाहिये था खासकर जब जनसंख्या वृद्धि के साथ देश में हर साल खाद्यतेल की मांग में 10-15 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है।

ऐसे में खाद्यतेल तिलहन का उत्पादन और बढ़ना चाहिये था। इसके उलट सस्ते खाद्यतेलों की बेलगाम आयात ने देशी तेल तिलहन उत्पादन, तेल उद्योग को इस तरह प्रभावित किया है जिसका असर दूरगामी भी हो सकता है जो खरीफ बुवाई के दौरान विशेषकर कपास, मूंगफली और सूरजमुखी के रकबे में आई गिरावट से जाहिर होता है।

सूत्रों ने कहा कि सरकार को देश में तेल तिलहन मसलों को लेकर कोई समिति बनानी चाहिये जो देशी तेल तिलहन उत्पादन बढ़ाने के मसले पर गौर करे और विदेशी बाजारों के तेल कीमतों पर नजर रखे और समय रहते सरकार को उचित सलाह दे।

तेल कंपनियों और पैकरों द्वारा अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) क्या रखा जा रहा है, इसकी भी निगरानी रखे जिसकी वजह से ग्राहकों को तेल कीमतों के सस्तेपन का लाभ नहीं मिलता है। सूरजमुखी तेल का एमआरपी अधिक से अधिक 120-125 रुपये लीटर होना चाहिये मगर यह बिक रहा है 144-145 रुपये लीटर। इन छोटी से छोटी बातों पर गौर करके ही उपभोक्ताओं को राहत दी जा सकती है।

बुधवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 5,700-5,750 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली – 7,725-7,775 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 18,700 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल 2,705-2,990 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 11,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 1,820 -1,900 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 1,820 -1,930 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 10,550 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 10,300 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 8,850 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 8,250 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 9,620 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 9,550 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 8,600 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 5,090-5,185 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 4,855-4,950 रुपये प्रति क्विंटल।

मक्का खल (सरिस्का)- 4,015 रुपये प्रति क्विंटल।

भाषा राजेश राजेश रमण

रमण

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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