नयी दिल्ली, 28 मई (भाषा) भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने निचले 6 गीगाहर्ट्ज, 7 गीगाहर्ट्ज, 13 गीगाहर्ट्ज, 15 गीगाहर्ट्ज, 18 गीगाहर्ट्ज, 21 गीगाहर्ट्ज बैंड के साथ-साथ ई एवं वी बैंड में स्पेक्ट्रम के आवंटन पर बुधवार को परामर्श पत्र जारी किया।
ट्राई ने टिप्पणियों के लिए अंतिम तिथि 25 जून, 2025 तथा जवाबी टिप्पणियों के लिए अंतिम तिथि नौ जुलाई तय की है।
नियामक ने कहा, ‘‘ 6 गीगाहर्ट्ज (निम्न), 7 गीगाहर्ट्ज, 13 गीगाहर्ट्ज, 15 गीगाहर्ट्ज, 18 गीगाहर्ट्ज, 21 गीगाहर्ट्ज बैंड, ई-बैंड और वी-बैंड में स्पेक्ट्रम के आवंटन पर परामर्श पत्र हितधारकों से टिप्पणियां तथा जवाबी टिप्पणियां मांगने के लिए नियामक की वेबसाइट पर रखा गया है।’’
दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने वर्ष 2022 में ईएंडवी बैंड तथा माइक्रोवेव एक्सेस (एमडब्ल्यूए) के साथ-साथ उक्त आवृत्ति बैंड में माइक्रोवेव बैकबोन (एमडब्ल्यूबी) स्पेक्ट्रम के आवंटन के लिए सिफारिशें प्रदान करने के लिए ट्राई से संपर्क किया था।
इसके बाद, ट्राई ने ईएंडवी बैंड में स्पेक्ट्रम के आवंटन तथा माइक्रोवेव एक्सेस (एमडब्ल्यूए) और माइक्रोवेव बैकबोन (एमडब्ल्यूबी) पर एक परामर्श पत्र जारी किया था, ताकि इस विषय पर हितधारकों की टिप्पणियां मांगी जा सकें।
इस बीच, दिसंबर, 2023 में दूरसंचार अधिनियम, 2023 लागू किया गया।
दूरसंचार सेवाओं के लिए रेडियो ‘बैकहॉल’ के संबंध में दूरसंचार अधिनियम- 2023 के प्रावधानों के मद्देनजर ट्राई ने फरवरी, 2024 में एक पत्र के माध्यम से बताया कि दूरसंचार विभाग अपने 2022 के संदर्भ की समीक्षा कर सकता है।
ट्राई ने कहा, ‘‘ दूरसंचार विभाग ने इसके जवाब में 13 सितंबर, 2024 को एक नए संदर्भ पत्र के माध्यम से, ट्राई की इस टिप्पणी से सहमति व्यक्त की थी कि बैकहॉल स्पेक्ट्रम, दूरसंचार अधिनियम 2023 की पहली अनुसूची का हिस्सा है और इसके लिए ‘असाइनमेंट’ पद्धति प्रशासनिक होगी। साथ ही ट्राई से ट्राई अधिनियम 1997 की धारा 11(1)(ए) के तहत सिफारिशें प्रदान करने का अनुरोध किया था।’’
भाषा निहारिका अजय
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