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Sunday, 17 November, 2024
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ट्राई ने नये बैंड में 4,000 मेगाहर्ट्ज की नीलामी के लिए परामर्श प्रक्रिया शुरू की

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नयी दिल्ली, चार अप्रैल (भाषा) दूरसंचार नियामक ट्राई ने बृहस्पतिवार को मोबाइल सेवाओं के लिए उच्च फ्रीक्वेंसी दायरे में तीन नये स्पेक्ट्रम बैंड की नीलामी पर संबंधित पक्षों से सुझाव मांगे। यह मोबाइल सेवाओं के लिए लगभग 4,000 मेगाहर्ट्ज रेडियो तरंग उपलब्ध कराएगा।

नियामक ने मोबाइल सेवाओं के लिए 37-37.5 गीगाहर्ट्ज, 37.5-40 गीगाहर्ट्ज और 42.5-43.5 गीगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम के लिए मूल्य निर्धारण, वैधता और इन रेडियो तरंगों की भुगतान शर्तों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा के लिए एक परामर्श पत्र जारी किया।

यह पहली बार है कि 37-37.5 गीगाहर्ट्ज, 37.5-40 गीगाहर्ट्ज और 42.5-43.5 गीगाहर्ट्ज में तीन स्पेक्ट्रम बैंड नीलामी के लिए रखे जा रहे हैं। यह प्रस्ताव भविष्य में 5जी सेवाओं के लिए 4,000 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम उपलब्ध कराएगा।

ये ब्लॉक 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1,800 मेगाहर्ट्ज, 2,100 मेगाहर्ट्ज, 2,300 मेगाहर्ट्ज, 2,500 मेगाहर्ट्ज, 3,300 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज से अलग हैं। इन ब्लॉक को छह जून को होने वाली स्पेक्ट्रम नीलामी में रखा जाएगा।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘‘भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने आज आईएमटी (इंटरनेशनल मोबाइल टेलिफोनी) के लिए पहचाने गए 37-37.5 गीगाहर्ट्ज, 37.5-40 गीगाहर्ट्ज और 42.5-43.5 गीगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम की नीलामी पर एक परामर्श पत्र जारी किया है।’’

ट्राई ने परामर्श पत्र में इन नये बैंड में स्पेक्ट्रम की नीलामी की विभिन्न बारीकियों पर उद्योग की राय मांगी है। इसमें मूल्य निर्धारण, वैधता, पसंदीदा ब्लॉक आकार, स्पेक्ट्रम सीमा, क्रियान्वयन दायित्व और अन्य नियम तथा शर्तें शामिल हैं।

नये फ्रीक्वेंसी बैंड में स्पेक्ट्रम का उपयोग 5जी और 6जी सेवाएं प्रदान करने के लिए किया जा सकता है।

आईटीयू-एपीटी फाउंडेशन ऑफ इंडिया (आईटीयू-एपीटी) के अध्यक्ष भरत भाटिया ने कहा, ‘‘ये मिलीमीटर वेव बैंड छोटे सेल कवरेज के लिए बहुत अधिक क्षमता प्रदान करते हैं और स्वास्थ्य, रोबोटिक्स जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए 5जी और 6जी सेवाओं के क्रियान्वयन के लिए महत्वपूर्ण हैं।’’

दूरसंचार विभाग ने मूल्य निर्धारण, आवंटन मानदंडों आदि पर सिफारिश के लिए अगस्त, 2023 में ट्राई से संपर्क किया।

कुल मिलाकर, इन श्रेणियों में प्रत्येक लाइसेंस प्राप्त सेवा क्षेत्र (एलएसए) में 4,000 मेगाहर्ट्ज फ्रीक्वेंसी स्पेक्ट्रम उपलब्ध होगा। जबकि 37-37.5 गीगाहर्ट्ज बैंड मोबाइल सेवाओं के लिए है। अन्य दो बैंड 37.5-40 गीगाहर्ट्ज और 42.5-43.5 गीगाहर्ट्ज मोबाइल और सैटेलाइट गेटवे लिंक के लिए हैं।

ट्राई ने उद्योग जगत से परामर्श पत्र में उठाए गए मुद्दों पर दो मई, 2024 तक लिखित सुझाव और 16 मई, 2024 तक जवाबी टिप्पणियां देने को कहा है।

भाषा रमण अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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