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Tuesday, 12 August, 2025
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भारतीय उत्पादों की वैश्विक पहुंच बढ़ाने का जरिया साबित हुए हैं व्यापार समझौते

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नयी दिल्ली, 24 जुलाई (भाषा) भारत ने बृहस्पतिवार को ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापक समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर किए जो उसका विभिन्न देशों एवं समूहों के साथ हुआ उसका 16वां व्यापार समझौता है।

भारत इसके पहले चार देशों के यूरोपीय समूह ईएफटीए, जापान, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया के साथ भी इस तरह के व्यापक आर्थिक एवं व्यापार समझौते कर चुका है।

भारत ने वर्ष 2014 से लेकर अब तक मॉरीशस, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), ऑस्ट्रेलिया, ईएफटीए और ब्रिटेन के साथ पांच व्यापार समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं।

मुक्त व्यापार समझौता दो या दो से अधिक देशों के बीच की ऐसी व्यवस्था है जिसमें साझेदार देश आपसी व्यापार वाली अधिकतम वस्तुओं पर सीमा शुल्क समाप्त करने या बहुत कम करने पर सहमत होते हैं।

इसके साथ ही साझेदार देशों से आयात के एक महत्वपूर्ण मूल्य पर गैर-व्यापार बाधाओं को कम करने और सेवा निर्यात एवं द्विपक्षीय निवेश को बढ़ावा देने के मानदंडों को भी आसान बनाया जाता है।

इन व्यापार समझौतों के तहत 10 से 30 विषय तक शामिल होते हैं। दुनियाभर में फिलहाल 350 से अधिक मुक्त व्यापार समझौते लागू हैं और अधिकांश देशों ने इस तरह के एक या अधिक समझौते किए हुए हैं।

मुक्त व्यापार समझौता होने से भागीदार देशों के बाजारों में शून्य-शुल्क निर्यात संभव हो पाता है जिससे बाजारों के विविधीकरण और विस्तार में मदद मिलती है।

एफटीए उन प्रतिस्पर्धियों के साथ समान अवसर भी प्रदान करता है जो पहले ही भागीदार देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते कर चुके हैं।

इस तरह के समझौते से भागीदार देश के बाजार में गैर-एफटीए सदस्यों के प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले तरजीही व्यवहार संभव हो पाता है।

ऐसे समझौते घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए विदेशी निवेश को आकर्षित करते हैं। ये मूल्यवर्धित विनिर्माण के लिए कच्चे माल, मध्यवर्ती उत्पादों और पूंजीगत वस्तुओं तक पहुंच मुहैया कराते हैं।

इसके अलावा इन व्यापार समझौतों से दीर्घकालिक दक्षता और उपभोक्ता कल्याण लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद भी मिलती है।

भारत का ब्रिटेन के साथ हुआ मुक्त व्यापार समझौता उसका अब तक हस्ताक्षरित कुल 16वां व्यापार समझौता है।

इसके पहले भारत ने श्रीलंका, भूटान, थाइलैंड, सिंगापुर, मलेशिया, दक्षिण कोरिया, जापान, ऑस्ट्रेलिया, यूएई, मॉरीशस, दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के समूह आसियान और चार यूरोपीय देशों आइसलैंड, लीश्टेंस्टीन, नॉर्वे एवं स्विट्जरलैंड के समूह ईएफटीए के साथ व्यापार समझौते किए थे।

इस समय भारत अपने कई अन्य व्यापारिक साझेदारों के साथ भी व्यापार समझौतों को लेकर बातचीत कर रहा है। इनमें अमेरिका, ओमान, यूरोपीय संघ (ईयू), पेरू और इजराइल शामिल हैं।

कुछ राजनीतिक मुद्दों के कारण कनाडा के साथ इसी तरह के एक समझौते पर बातचीत स्थगित कर दी गई थी।

भारत के लिए ये व्यापार समझौते बाजार पहुंच बढ़ाने, शुल्क एवं गैर-शुल्क बाधाओं को कम करने, रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने और संतुलित व्यापार सुविधा के माध्यम से घरेलू उद्योग को समर्थन देने में मददगार साबित हुए हैं।

भारत ने ब्रिटेन के साथ एक ‘ऐतिहासिक’ व्यापार समझौता किया है जो चमड़ा, जूते और कपड़ों जैसे श्रम-प्रधान उत्पादों के निर्यात पर से शुल्क हटा देगा जबकि ब्रिटेन से व्हिस्की और कारों का आयात सस्ता करेगा।

इस समझौते का उद्देश्य वर्ष 2030 तक दोनों अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार को 56 अरब डॉलर के मौजूदा स्तर से दोगुना करना है।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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