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Sunday, 22 September, 2024
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आज विकसित देशों में भी भारत जैसी डिजिटल प्रणाली नहीं : मुर्मू

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(तस्वीर के साथ)

नयी दिल्ली, 31 जनवरी (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को कहा कि डिजिटल भारत का निर्माण सरकार का एक बहुत बड़ा सुधार है और इसने देश में जीवन तथा कारोबार दोनों को बहुत सुगम बना दिया है।

उन्होंने बजट सत्र के पहले दिन लोकसभा एवं राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘आज पूरी दुनिया मानती है कि यह भारत की बहुत बड़ी उपलब्धि है। विकसित देशों में भी भारत जैसी डिजिटल प्रणाली नहीं है।’’

उन्होंने कहा कि आज देश के गांवों में भी खरीद-बिक्री डिजिटल माध्यम से हो रही है। कुछ साल पहले इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी।

मुर्मू ने कहा, ‘‘ आज दुनिया में कुल तत्काल आधार पर डिजिटल लेनदेन में भारत का हिस्सा 46 प्रतिशत हो चुका है।’’

उन्होंने कहा कि पिछले महीने यूपीआई से रिकॉर्ड 1,200 करोड़ लेनदेन हुए। मूल्य के लिहाज लेनदेन का आंकड़ा 18 लाख करोड़ रुपये रहा।

राष्ट्रपति ने कहा कि आज दुनिया के दूसरे देश भी यूपीआई से लेनदेन की सुविधा दे रहे हैं।

उन्होंने कहा कि डिजिटल भारत की वजह से आज बैंकिंग कामकाज सुगम हुआ है। जनधन आधार मोबाइल (जेएएम) की त्रिशक्ति से भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में मदद मिली है।

उन्होंने कहा कि सरकार अब तक प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के जरिये 34 लाख करोड़ रुपये लाभार्थियों के खातों में भेज चुकी है।

मुर्मू ने कहा कि जनधन आधार मोबाइल से करीब 10 करोड़ फर्जी लाभार्थियों को प्रणाली से बाहर किया गया है। ‘‘इससे 2.75 लाख करोड़ रुपये गलत हाथों में जाने से बचे हैं।’’

उन्होंने कहा कि डिजिलॉकर की सुविधा भी जीवन को आसान बना रही है। इसमें अभी तक उपयोगकर्ताओं के छह अरब से ज्यादा दस्तावेज जारी हुए हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाते तहत लगभग 53 करोड़ लोगों का डिजिटल स्वास्थ्य प्रमाणपत्र बन चुका है।

भाषा अजय अजय निहारिका

निहारिका

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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