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गुरूवार, 29 मई, 2025
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जमाखोरी रोकने के लिए सरकार ने गेहूं के लिए स्टॉक सीमा अगले साल मार्च तक बढ़ाई

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नयी दिल्ली, 29 मई (भाषा) सरकार ने जमाखोरी और सट्टेबाजी रोकने तथा खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के मकसद से व्यापारियों, थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं और बड़ी खुदरा श्रृंखला के विक्रेताओं के लिए गेहूं का स्टॉक रखने की समयसीमा का अगले साल मार्च तक के लिए विस्तार किया है।

एक सरकारी बयान में कहा गया है कि 27 मई को जारी किए गए निर्दिष्ट खाद्य पदार्थों (संशोधन) आदेश, 2025 के तहत लाइसेंस आवश्यकताओं, स्टॉक सीमा और परिवहन प्रतिबंधों को हटाने का निर्देश 31 मार्च, 2026 तक लागू रहेगा।

फसल वर्ष 2024-25 (जुलाई-जून) में 11.75 करोड़ टन के रिकॉर्ड गेहूं उत्पादन के बावजूद गेहूं पर स्टॉक रखने की सीमा बढ़ाई गई है।

नए नियमों के तहत, व्यापारी और थोक व्यापारी 3,000 टन गेहूं तक का स्टॉक कर सकते हैं, जबकि खुदरा विक्रेता प्रत्येक खुदरा बिक्री केन्द्र के लिए 10 टन तक का स्टॉक रख सकते हैं। बड़ी श्रृंखला खुदरा विक्रेताओं को प्रत्येक खुदरा बिक्री केन्द्र पर 10 टन तक का स्टॉक रखने की छूट होगी।

प्रसंस्करणकर्ताओं (प्रोसेसर) को अपनी मासिक स्थापित क्षमता का 70 प्रतिशत स्टॉक करने की अनुमति है।

सभी इकाइयों को हर शुक्रवार को गेहूं स्टॉक पोर्टल पर अपनी स्टॉक की स्थिति की घोषणा करनी होगी और उसे अद्यतन करना होगा।

पोर्टल पर पंजीकृत नहीं पाए गए या स्टॉक सीमा का उल्लंघन करने वाली इकाइयों को आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा 6 और 7 के तहत दंडात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।

निर्धारित सीमा से ऊपर का स्टॉक रखने वालों को अधिसूचना के 15 दिन के भीतर उन्हें अनुमेय स्तर के भीतर लाना होगा। केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारी कृत्रिम गेहूं की कमी को रोकने के लिए प्रवर्तन की बारीकी से निगरानी करेंगे।

केंद्र ने 27 मई, 2025 तक एजेंसियों और भारतीय खाद्य निगम के माध्यम से 298.17 लाख टन गेहूं की खरीद की है, जो सार्वजनिक वितरण प्रणाली, खुला बाजार बिक्री योजना और अन्य बाजार हस्तक्षेप कार्यक्रमों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त है।

बयान में कहा गया है कि खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग कीमतों को नियंत्रित करने और देश भर में आसान उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए गेहूं स्टॉक की स्थिति पर करीबी नजर रख रहा है।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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