scorecardresearch
Friday, 26 September, 2025
होमदेशअर्थजगतएफपीआई के सार्वजनिक खुलासे को अनिवार्य करने की टीएमसी सांसद की याचिका पर होगी सुनवाई

एफपीआई के सार्वजनिक खुलासे को अनिवार्य करने की टीएमसी सांसद की याचिका पर होगी सुनवाई

Text Size:

नयी दिल्ली, 26 सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की याचिका को स्वीकार कर लिया। याचिका में उन्होंने भारत में वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ), विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) और उनके मध्यस्थों के अंतिम लाभार्थियों और पोर्टफोलियो के सार्वजनिक खुलासे को अनिवार्य करने का अनुरोध किया था। मामले की सुनवाई नौ अक्टूबर को होगी।

शीर्ष न्यायालय ने एक अप्रैल को मोइत्रा से इस मुद्दे पर भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) को एक विस्तृत प्रतिवेदन देने को कहा था।

न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने शुक्रवार को मोइत्रा की ओर से पेश हुए अधिवक्ता प्रशांत भूषण से पूछा कि क्या याचिकाकर्ता ने सेबी को प्रतिवेदन दिया है।

भूषण ने कहा कि मोइत्रा ने 23 मई को प्रतिवेदन दिया था, लेकिन सेबी से जवाब 23 सितंबर को मिला।

उन्होंने कहा कि जवाब 19 सितंबर का था, लेकिन याचिकाकर्ता को 23 सितंबर को दिया गया। भूषण ने कहा कि वह जवाब रिकॉर्ड में रखेंगे।

भूषण ने कहा, ”मुझे नई रिट (याचिका) दायर करने की जरूरत नहीं है। मैं इस जवाब को इस याचिका का जवाब मानूंगा। मैं एक संक्षिप्त हलफनामा दायर करूंगा।”

जब पीठ ने पूछा, ”आप इस जवाब से परेशान हैं,” तो भूषण ने जवाब दिया, ”हां, बिल्कुल।”

पीठ के यह कहने के बाद कि याचिकाकर्ता को इसे चुनौती देना होगा, भूषण ने कहा कि वह वैकल्पिक निवेश कोषों और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों में पारदर्शिता की मांग कर रहे थे।

उन्होंने कहा, ”मैं इसका जवाब दाखिल करूंगा। मैं बताऊंगा कि इसमें क्या समस्या है।’’

केंद्र की ओर से पेश हुए अधिवक्ता ने कहा कि सेबी ने सभी सवालों के जवाब दे दिए हैं। इसके बाद पीठ ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई नौ अक्टूबर को होगी।

भाषा पाण्डेय रमण

रमण

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments