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Sunday, 16 June, 2024
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प्याज निर्यात शुल्क दाम को काबू में रखने के लिए समय पर उठाया गया कदम: सरकार

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नयी दिल्ली, 21 अगस्त (भाषा) सरकार ने सोमवार को कहा कि प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाने का निर्णय घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने और खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने के लिए समय पर उठाया गया कदम है।

प्याज निर्यात पर लगाए गए 40 प्रतिशत शुल्क के खिलाफ महाराष्ट्र के नासिक जिले में कई स्थानों पर किसानों के विरोध प्रदर्शन के बीच सरकार ने यह कहा है। व्यापारी भी शुल्क लगाए जाने के विरोध में हैं।

केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘प्याज पर निर्यात शुल्क लगाना कोई समयपूर्व लिया गया निर्णय नहीं है। बल्कि घरेलू उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए यह समय पर किया गया फैसला है।’’

सिंह ने कहा कि परिस्थिति की मांग होने तक सरकार चुनिंदा राज्यों में थोक और खुदरा दोनों बाजारों में बफर स्टॉक का प्याज जारी कर मामले में हस्तक्षेप करेगी।

केंद्र ने शनिवार को कीमत में वृद्धि के संकेतों के साथ-साथ निर्यात में वृद्धि के बीच प्याज के निर्यात पर 40 प्रतिशत शुल्क लगाया।

पहली बार प्याज पर निर्यात शुल्क लगाने के फैसले का उद्देश्य त्योहारों से पहले रसोई की मुख्य सब्जी, प्याज की कीमतों को काबू में रखना है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में प्याज की खुदरा कीमतें लगभग 40 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है।

सिंह ने कहा कि फिलहाल सरकार दिल्ली, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और असम में बफर स्टॉक से प्याज जारी कर रही है।

उन्होंने कहा कि पिछले दो दिनों में दिल्ली-एनसीआर में 25 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर 2,500 टन प्याज बेचा गया।

केंद्र का निर्णय प्याज निर्यात में वृद्धि से भी प्रेरित था।

इस वित्त वर्ष में एक अप्रैल से चार अगस्त के बीच देश से 9.75 लाख टन प्याज का निर्यात किया जा चुका है। मूल्य के लिहाज से शीर्ष तीन आयातक देश बांग्लादेश, मलेशिया और संयुक्त अरब अमीरात हैं।

इससे पहले दिन में, व्यापारियों ने नासिक जिले की सभी कृषि उपज बाजार समितियों (एपीएमसी) में प्याज की थोक बिक्री अनिश्चित काल के लिए बंद करने का फैसला किया। इसमें लासलगांव भी शामिल है, जो भारत में सबसे बड़ा थोक प्याज बाजार है। हालांकि, एपीएमसी सूत्रों ने कहा कि प्याज की नीलामी विंचूर में हुई, जो उसी जिले में है।

निर्यात शुल्क लगाने के अलावा, केंद्र सरकार ने रविवार को घोषणा की कि वह इस साल कुल पांच लाख टन का बफर स्टॉक बनाए रखने के लिए दो लाख टन अतिरिक्त प्याज खरीदेगी।

चालू वित्त वर्ष के लिए प्याज के बफर का लक्ष्य तीन लाख टन रखा गया है। इसकी खरीद पहले ही हो चुकी है।

मौजूदा समय में, स्थानीय उपलब्धता में सुधार और मूल्य वृद्धि रोकने के लिए चुनिंदा राज्यों के लक्षित बाजारों में बफर स्टॉक का प्याज बाजार में लाया जा रहा है।

भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (एनसीसीएफ) और भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नेफेड) को प्रमुख उपभोग केंद्रों में खरीदे गए स्टॉक के सुनियोजित निपटान के साथ-साथ अतिरिक्त खरीद लक्ष्य प्राप्त करने के लिए एक-एक लाख टन की खरीद करने का निर्देश दिया गया है।

यदि कम आपूर्ति वाले मौसम के दौरान दरें काफी बढ़ जाती हैं, तो किसी भी आपात स्थिति को पूरा करने के लिए मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) के तहत बफर स्टॉक बनाए रखा जाता है।

बफर स्टॉक से प्याज के बाजार में लाये जाने के बारे में, मंत्रालय ने कहा था कि यह पहले ही राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के उन प्रमुख बाजारों में शुरू हो चुका है, जहां खुदरा कीमतें अखिल भारतीय औसत से ऊपर हैं और/या पिछले महीने की तुलना में काफी अधिक हैं।

प्रमुख बाजारों में जारी करने के अलावा, बफर स्टॉक का प्याज 21 अगस्त से प्रमुख बाजारों में खुदरा दुकानों और एनसीसीएफ के मोबाइल वैन के माध्यम से खुदरा उपभोक्ताओं को 25 रुपये प्रति किलो की रियायती दर पर उपलब्ध कराया जा रहा है।

भाषा राजेश राजेश रमण

रमण

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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