scorecardresearch
शनिवार, 10 मई, 2025
होमदेशअर्थजगतपोटाश आयात के लिए तीन उर्वरक कंपनियों का कनाडा की कैनपोटेक्स के साथ करार

पोटाश आयात के लिए तीन उर्वरक कंपनियों का कनाडा की कैनपोटेक्स के साथ करार

Text Size:

नयी दिल्ली, 28 सितंबर (भाषा) कोरोमंडल इंटरनेशनल, चंबल फर्टिलाइजर्स और इंडियन पोटाश लिमिटेड ने कनाडा की ‘कैनपोटेक्स’ के साथ समझौता किया है। यह समझौता तीन साल के लिए सालाना 15 लाख टन पोटाश के आयात को लेकर किया गया है।

कनाडा की कैनपोटेक्स वैश्विक स्तर पर पोटाश के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ताओं में से एक है और सालाना लगभग 130 लाख टन उत्पाद का निर्यात करती है।

पोटाश, पोटेशियम का स्रोत है और उसे एमओपी के रूप में सीधा उपयोग किया जाता है। इसके अलावा एनपीके उर्वरकों में भी इसका ‘एन’ और ‘पी’ पोषक तत्‍वों के संयोजन के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है।

भारत अपनी पोटाश की शत-प्रतिशत आवश्यकता आयात से पूरा करता है। देश हर वर्ष लगभग 40 लाख टन एमओपी का आयात करता है।

रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि किसान समुदाय को लंबे समय तक उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में यह महत्‍वपूर्ण कदम है।

मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारत की उर्वरक कंपनियों……कोरोमंडल इंटरनेशनल, चम्बल फर्टिलाइजर और इंडियन पोटाश लिमिटेड ने मंगलवार को कनाडा की कैनपोटेक्स के साथ एक समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं।’’

रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने भारतीय किसानों को एमओपी की आपूर्ति के लिए कंपनियों के बीच दीर्घकालिक समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाने की सराहना की।

उन्होंने कहा, “समझौते के तहत कनाडा की कंपनी कैनपोटेक्स भारतीय उर्वरक कंपनियों को तीन साल की अवधि के लिये हर वर्ष 15 लाख टन तक पोटाश की आपूर्ति करेगी। आशा है कि इस आपूर्ति-साझेदारी से देश में उर्वरक की उपलब्धता में सुधार आयेगा और आपूर्ति व कीमत के उतार-चढ़ाव को कम किया जा सकेगा।”

भाषा जतिन अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments