नयी दिल्ली, तीन फरवरी (भाषा) वित्त सचिव तुहिन कांत पांडेय ने सोमवार को कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 के आम बजट ने अर्थव्यवस्था को पर्याप्त गैर-मुद्रास्फीतिकारी प्रोत्साहन दिया है, जिससे वृद्धि को लगातार बल मिलेगा।
उन्होंने कहा कि बजट में वृद्धि और मुद्रास्फीति के बीच संतुलन बनाया गया है। ऐसा विनिमय दरों, व्यापक आर्थिक स्थिरता को ध्यान में रखते हुए और राजकोषीय समेकन को नियंत्रित करते हुए किया गया।
पांडेय ने बजट के बाद उद्योग मंडल फिक्की के संवाद सत्र में कहा, ‘‘हमारे पास अर्थव्यवस्था में पर्याप्त प्रोत्साहन भी है। यह एक महंगाई बढ़ाए बिना दिया जाने वाला प्रोत्साहन है, जो बचत, निवेश और वृद्धि को बढ़ावा देगा। यह लगातार वृद्धि को बढ़ावा देगा। साथ ही मांग पक्ष और आपूर्ति पक्ष पर काम करेगा।”
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में आयकर छूट की सीमा को बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दिया है। इस कदम का उद्देश्य बचत, निवेश या उपभोग के लिए करदाताओं के हाथों में अधिक धनराशि देना था।
बजट में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.4 प्रतिशत पर रखा गया है और वित्त वर्ष 2024-25 में इसके 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
पांडेय ने कहा, ‘‘बजट में हमें राजकोषीय समेकन करना होगा, क्योंकि हम मुद्रास्फीतिकारी नहीं बनना चाहते हैं। अगर हम ऐसे समय में अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने की कोशिश करते हैं, जब हमें ऐसा नहीं करना चाहिए, तो इससे महंगाई बढ़ सकती है।’’
उन्होंने कहा कि इसलिए यह बजट इन सभी अनिवार्यताओं को संतुलित करता है।
भाषा पाण्डेय अजय
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