नयी दिल्ली, 16 मार्च (भाषा) कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा है कि देश के हर ब्लॉक में एक किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) होगा और लगभग 4,000 एफपीओ पहले ही स्थापित किए जा चुके हैं।
कृषि राज्यमंत्री विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस पर ‘‘जागो किसान जागो’’ जागरूकता कार्यक्रम के तहत मंगलवार देर रात आयोजित फिक्की की संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।
सरकार ने 6,865 करोड़ रुपये के कुल बजटीय परिव्यय के साथ 2027-28 तक ‘10,000 एफपीओ के गठन और संवर्द्धन’ की योजना को मंजूरी दी है।
फिक्की द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, चौधरी ने खेती को नई तकनीक से जोड़ने की जरूरत पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि किसानों को बेहतर बीज, उत्पादन की कम लागत, भंडारण सुविधाओं और बाजार पहुंच की जरूरत है।
इस मौके पर संसदीय कार्य और संस्कृति राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि मौसम और बाजार पहुंच दो महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं जिन पर प्रत्येक अंशधारक को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
फसल संरक्षण पर फिक्की समिति के अध्यक्ष और धानुका समूह के चेयरमैन आर जी अग्रवाल ने कहा कि देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती बढ़ती आबादी और खेती के लिए जमीन की उपलब्धता है।
पौध संरक्षण की आवश्यकता के बारे में बात करते हुए कृषि मंत्रालय के एएसआरबी सदस्य और आईसीएआर के पूर्व एडीजी (पीपी), पी के चक्रवर्ती ने कहा कि अनुचित या पौधों की सुरक्षा नहीं होने के कारण 20-40 प्रतिशत उत्पादन नष्ट हो जाता है।
उन्होंने कहा कि मूल्य के लिहाज से यह नुकसान 90,000 से 1,00,000 करोड़ रुपये का है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम इस नुकसान से बचते हैं, तो हम अपने कृषि बजट के लगभग बराबर राशि बचा लेंगे।’’
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), के डीएआरई (बागवानी विज्ञान) के उप-महानिदेशक ए के सिंह ने किसानों तक पहुंचने के लिए सरकार द्वारा की गई विभिन्न तकनीकी पहलों को रेखांकित किया।
उन्होंने कहा कि एम किसान पोर्टल पर पांच करोड़ से अधिक किसान पंजीकृत हैं और उन्हें नियमित अद्यतन सूचना मिलती हैं और किसान कॉल सेंटर हर दिन 20,000 कॉल सुनता है।
भाषा राजेश राजेश अजय
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