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Friday, 15 November, 2024
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एनबीएफसी में प्रणाली से जुड़ी कोई समस्या नहीं : दास

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(तस्वीर के साथ)

मुबई, पांच अप्रैल (भाषा) रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने दो गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) की व्यावसायिक प्रक्रियाओं पर सवाल उठने और उनके खिलाफ कार्रवाई होने के बाद कहा कि ऐसे ऋणदाताओं में प्रणाली से जुड़ी कोई समस्या नहीं है।

वित्त वर्ष 2024-25 की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा के बाद संवाददाता सम्मेलन में दास ने कहा कि पर्यवेक्षण के तहत हम सभी कंपनियों खासकर बड़े नामों की नियमित समीक्षा करते हैं। मैं यह नहीं कहना चाहता कि यह कोई प्रणालीगत समस्या है क्योंकि हमने सभी कंपनियों की निगरानी की है…’’

इससे पहले उन्होंने कहा था कि देश का वित्तीय क्षेत्र ‘‘स्थिर’’ है।

उन्होंने कहा कि यदि आरबीआई अधिकारियों को पर्यवेक्षण प्रक्रिया के दौरान कुछ गलत या गैर-अनुपालन मिलता है, तो पहला प्रयास सुधारात्मक कार्रवाई करने के लिए द्विपक्षीय स्तर पर इकाई के प्रबंधन को संवेदनशील बनाना है।

नियामकीय कार्रवाइयों का कारण स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ जहां हम देखते हैं कि समस्याएं बहुत बड़ी हैं, या समस्याएं लगातार बनी रहती हैं, तभी हम कार्रवाई करते हैं।’’

गौरतलब है कि चार मार्च को आरबीआई ने आईआईएफएल फाइनेंस को तत्काल प्रभाव से स्वर्ण ऋण स्वीकृत या वितरित करने से रोकने के लिए कहा था। इसके बाद ऋण प्रशासन में मुद्दों को देखते हुए जेएम फाइनेंशियल को शेयरों तथा ऋणपत्र जारी करके ऋण देने से तुरंत रोक दिया था।

केंद्रीय बैंक ने बाद में दोनों कंपनियों का विशेष ऑडिट करने के लिए लेखा परीक्षकों की नियुक्ति के लिए निविदाएं आमंत्रित कीं।

दास ने शुक्रवार को पत्रकारों से कहा कि 9,000 से अधिक पंजीकृत गैर-बैंकिंग ऋणदाता हैं और आरबीआई ने उनमें से केवल दो के खिलाफ कार्रवाई की है।

उन्होंने कहा, इसलिए इसे कार्रवाइयों की झड़ी समझना सही नहीं होगा।

भाषा निहारिका अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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