नयी दिल्ली, 27 मई (भाषा) खाद्य प्रसंस्करण सचिव सुब्रत गुप्ता ने प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों में मिलावट और बड़े पैमाने पर खाद्य पदार्थों की बर्बादी पर चिंता जताते हुए इन मुद्दों से निपटने की आवश्यकता बतायी है।
एक आधिकारिक बयान में मंगलवार को कहा गया कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान के सहयोग से स्वास्थ (एचएफएसएस…अधिक बसा, चीनी और नमक वाले और यूपीएफ…अत्यधिक प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ) से निपटने के लिए कार्रवाई योग्य रणनीतियों पर संबंधित पक्षों की कार्यशाला नामक एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया।
गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि आज की तेज गति वाली दुनिया में, स्वास्थ्य और आहार पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के बारे में लोग जागरूक हो रहे हैं जो दैनिक शारीरिक गतिविधियों पर नजर रखने के लिए स्मार्ट-घड़ियों के बढ़ते उपयोग से स्पष्ट है।
हालांकि, गुप्ता ने कहा कि हम एक महत्वपूर्ण चूक भी कर रहे हैं। ‘‘हम इस बात पर नजर रखते हैं कि हम हर दिन कितने कदम चलते हैं, लेकिन हम प्राय: इस बात पर ध्यान देने में विफल रहते हैं कि हम हर दिन कितनी कैलोरी का उपभोग करते हैं।’’
उन्होंने इस अंतर को दूर करने के लिए एनआईएफटीईएम-कुंडली (सोनीपत) को एक स्मार्ट घड़ी जैसे उपकरण के विकास की अगुवाई करने के लिए कहा, जो किसी व्यक्ति की दैनिक कैलोरी या ऊर्जा की खपत को मापने में सक्षम हो।
गुप्ता ने वैश्विक स्वास्थ्य रुझानों का उल्लेख करते हुए, विश्व स्वास्थ्य संगठन और भारतीय चिकित्सा परिषद के आंकड़ों का हवाला दिया, जो बताता है कि वैश्विक स्तर पर होने वाली मृत्यु का दो-तिहाई हिस्सा गैर-संचारी रोगों के कारण होता है।
सचिव ने प्रसंस्कृत उत्पादों में मिलावट और बड़े पैमाने पर खाद्य पदार्थों की बर्बादी जैसी गंभीर चिंताओं के बारे में बात की और इन मुद्दों से निपटने के लिए सामूहिक रूप से काम करने का आह्वान किया।
भाषा रमण अजय
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