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कार्य, जीवन के बीच सामंजस्य बैठाने पर ध्यान देने की जरूरत: नीरजा बिड़ला

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मुंबई, 27 फरवरी (भाषा) परमार्थ कार्यों से जुड़ी और उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला की पत्नी नीरजा बिड़ला ने कहा है कि कामकाज और जीवन के बीच संतुलन बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि काम, नींद और आराम के बीच आठ-आठ-आठ घंटे के समय का विभाजन कहने की बात है और इसका पालन मुश्किल है।

नीरजा ने कहा कि हमें सही मायने में कामकाज और जीवन के बीच सामंजस्य बैठाने पर ध्यान देने की जरूरत है।

उन्होंने बुधवार को पीटीआई-वीडियो को दिये साक्षात्कार में कहा, ‘‘… कार्य-जीवन में संतुलन बनाने की जरूरत है। बिल्कुल आठ-आठ-आठ घंटे के हिसाब से काम करना, अच्छा समय बिताना और सोने की बात असंभव है। वास्तव, यह एक आदर्शवादी स्थिति है। लेकिन हम इसमें सामंजस्य कैसे लाते हैं, यह महत्वपूर्ण है।’’

नीरजा ने यह बात काम के घंटों को लेकर जारी बहस के बीच कही है। एक कंपनी के शीर्ष अधिकारी ने कर्मचारियों से प्रति सप्ताह 90 घंटे तक काम करने की बात कही थी जबकि कुछ ने कम कार्य दिवस का समर्थन किया है। कुछ ने घंटों के बजाय कार्य उत्पादकता को महत्व देने की बात कही है।

उन्होंने कहा, ‘‘…हमें वास्तव में जिस चीज पर काम करने की जरूरत है वह कामकाजी जीवन में सामंजस्य बैठाना है। हम इसमें कैसे सामंजस्य बिठाते हैं, यह बहुत महत्वपूर्ण है, आखिरकार यह सब संतुलन के बारे में है।’’

नीरजा ने ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ शो में की गई कुछ टिप्पणियों से उत्पन्न विवाद पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि शैक्षणिक संस्थानों और परिवारों को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि बच्चे ‘सही भाषा’ बोलें।

उनका मानना ​​है कि आमतौर पर तनाव का स्तर काफी बढ़ गया है और छात्रों में अकेलापन और काफी चिंता है।

उन्होंने कहा, ‘‘इस क्षेत्र में बहुत कुछ करने की जरूरत है।’’

भाषा रमण अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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