काठमांडू, 12 जून (भाषा) नेपाल की विदेश मंत्री आरजू राणा देउबा ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत-नेपाल के बीच हरित ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग की काफी संभावना है और स्वच्छ तथा पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देकर परस्पर निर्भरता को आगे बढ़ाया जा सकता है।
काठमांडू में शोध संस्थान अनंत एस्पेन सेंटर और सेंटर फॉर इनोवेटिव फॉरेन पॉलिसी द्वारा आयोजित नेपाल-भारत रणनीतिक वार्ता में देउबा ने कहा, ‘‘अगले दशक में 10,000 मेगावाट बिजली आयात करने की भारत की प्रतिबद्धता दोनों देशों के बीच ऊर्जा क्षेत्र में बढ़ते सहयोग को दर्शाती है।’’
नेपाल और भारत ने अगले 10 वर्षों में भारत को 10,000 मेगावाट बिजली के निर्यात की सुविधा के लिए जनवरी, 2024 में एक दीर्घकालिक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
देउबा ने कहा कि नेपाल-भारत संबंधों में सबसे बड़ी प्राथमिकता ‘व्यापार, पारगमन और निवेश में सहयोग को बढ़ाकर आर्थिक साझेदारी को आगे बढ़ाने की है।’
उन्होंने कहा कि नेपाल की विशाल जल-क्षमता एक स्वच्छ जलवायु अनुकूल नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत प्रदान करती है जिसका उपयोग आने वाली पीढ़ियों के लिए किया जा सकता है।
महाकाली, करनाली, सप्त कोसी जैसी हिमालय के ऊंचे क्षेत्रों से निकलने वाली कई नदियां हैं, जो विभिन्न घाटियों से होकर बहती हैं और फिर मैदानी इलाकों से होती हुई भारत में प्रवेश कर गंगा नदी से मिल जाती हैं।
भारत ने नेपाल को इन नदियों पर कई जलविद्युत परियोजनाओं को विकसित करने में मदद की है तथा कई अन्य परियोजनाओं पर काम जारी है।
मंत्री ने सड़कों, रेलवे, जलमार्गों, वायुमार्गों और डिजिटल बुनियादी ढांचे में निवेश करके आपसी संपर्क बढ़ाने की भी बात कही।
भाषा रमण अजय
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