मुंबई, दो अप्रैल (भाषा) स्थानीय शेयर बाजारों में बुधवार को तेजी आई और दोनों मानक सूचकांक अच्छी-खासी बढ़त में रहे। बीएसई का 30 शेयर वाला सेंसेक्स लगभग 593 अंक चढ़ा, जबकि एनएसई निफ्टी 167 अंक के लाभ में रहा।
विनिर्माण क्रय प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) के मजबूत आंकड़े और हाल में गिरावट के बाद निचले स्तर पर लिवाली से बाजार में तेजी आई।
बीएसई सेंसेक्स 592.93 अंक यानी 0.78 प्रतिशत की तेजी के साथ 76,617.44 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 655.84 अंक तक चढ़ गया था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 166.65 अंक यानी 0.72 प्रतिशत की तेजी के साथ 23,332.35 अंक पर बंद हुआ।
निचले स्तर पर चुनिंदा वाहन, बैंक तथा आईटी शेयरों में लिवाली के साथ देश के विनिर्माण क्षेत्र में वृद्धि मार्च में आठ महीने के उच्च स्तर पर आने से घरेलू शेयर बाजार बढ़त में रहे।
सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में से जोमैटो का शेयर करीब पांच प्रतिशत चढ़ा। इसके बाद, टाइटन का स्थान रहा जिसमें लगभग चार प्रतिशत की तेजी आई।
इसके अलावा इंडसइंड बैंक, मारुति, टेक महिंद्रा, अदाणी पोर्ट्स, भारती एयरटेल और एचडीएफसी बैंक में भी प्रमुख रूप से तेजी रही।
दूसरी तरफ, नुकसान में रहने वाले शेयरों में नेस्ले, पावर ग्रिड, अल्ट्राटेक सीमेंट, बजाज फिनसर्व और लार्सन एंड टुब्रो शामिल हैं।
जियोजीत इन्वेस्टमेंट लि. के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘बाजार में तेजी काफी हद तक इस उम्मीद पर आधारित है कि (अमेरिकी) शुल्क का घरेलू अर्थव्यवस्था पर बहुत कम प्रभाव पड़ेगा। इसका कारण भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता में सकारात्मक प्रगति होना है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मार्च में भारत के विनिर्माण पीएमआई के आंकड़े ने भी धारणा को और मजबूत किया, जो आठ महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। यह वित्त वर्ष 2024-25 में कंपनियों की कमाई में सुधार का संकेत देता है।’’
आशिका ग्लोबल फैमिली ऑफिस सर्विसेज के सह-संस्थापक अमित जैन ने कहा, ‘‘ट्रंप का जवाबी शुल्क लगाने का निर्णय वैश्विक व्यापार में अनिश्चितता को बढ़ाएगा। भारत के लिए, इसका मतलब शेयर बाजारों में अल्पकालिक अस्थिरता हो सकती है। खासकर वाहन, औषधि और आईटी जैसे निर्यात-संचालित क्षेत्रों में इसका असर देखने को मिल सकता है। इन क्षेत्रों के चुनिंदा बड़ी कंपनियों शेयरों को शुल्क बाधाओं के कारण दबाव का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि भारत की मजबूत घरेलू खपत बरकरार है, जो एक मजबूत स्थिति प्रदान करती है।’’
मझोली कंपनियों से संबंधित बीएसई मिडकैप 1.38 प्रतिशत उछला जबकि छोटी कंपनियों से जुड़ा बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक में 0.99 प्रतिशत की तेजी रही।
बीएसई में 2,863 शेयर लाभ में जबकि 1,091 में गिरावट रही। 131 शेयरों के भाव में कोई बदलाव नहीं हुआ।
एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की तथा चीन का शंघाई कम्पोजिट सकारात्मक दायरे में रहे जबकि दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहे।
यूरोप के प्रमुख बाजारों में ज्यादातर में गिरावट का रुख रहा। अमेरिकी बाजार में मंगलवार को ज्यादातर में तेजी रही थी।
बुधवार को जारी मासिक सर्वेक्षण के अनुसार भारत के विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर मार्च में बढ़कर आठ महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गई। बेहतर मांग की स्थिति के बीच कारखाना ऑर्डर और उत्पादन में तीव्र वृद्धि इसकी मुख्य वजह रही।
मौसमी रूप से समायोजित ‘एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण क्रय प्रबंधक सूचकांक’ (पीएमआई) मार्च में 58.1 रहा जो फरवरी में 56.3 था। यह बताता है कि क्षेत्र में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने मंगलवार को 5,901.63 करोड़ रुपये के शेयर बेचे जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 4,322.58 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.12 प्रतिशत की गिरावट के साथ 74.40 डॉलर प्रति बैरल पर रहा।
विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली से मंगलवार को बीएसई सेंसेक्स 1,390.41 अंक लुढ़का था जबकि एनएसई निफ्टी में 353.65 अंक की बड़ी गिरावट आई थी।
भाषा रमण निहारिका
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