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Friday, 8 November, 2024
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लगातार पांचवें दिन टूटे शेयर बाजार; सेंसेक्स, निफ्टी एक साल के निचले स्तर पर

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मुंबई, 16 जून (भाषा) घरेलू शेयर बाजारों में बृहस्पतिवार को लगातार पांचवें कारोबारी सत्र में गिरावट रही और दोनों मानक सूचकांक… बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी…एक साल के निचले स्तर पर बंद हुए।

अमेरिकी फेडरल रिजर्व के मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये ब्याज दर में 0.75 प्रतिशत की वृद्धि के बाद कमजोर वैश्विक रुख के बीच घरेलू बाजार नीचे आया।

अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये बुधवार को 1994 के बाद ब्याज दर में सबसे तेज 0.75 की वृद्धि की। साथ ही इस साल नीतिगत दर को और कड़ा करने का संकेत दिया। फेडरल रिजर्व ने अमेरिका की आर्थिक वृद्धि दर धीमी पड़ने का संकेत दिया है।

बाजार में बिकवाली चौतरफा रही। गिरावट में ज्यादातर योगदान सूचकांक में मजबूत हिस्सेदारी रखने वाले रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी लि. और एचडीएफसी बैंक के शेयरों का रहा।

सुबह के कारोबार में अच्छी शुरुआत के बावजूद बीएसई मानक सूचकांक लाभ को कायम रखने में विफल रहा और 1,045.60 अंक यानी 1.99 प्रतिशत की गिरावट के साथ 51,495.79 अंक पर बंद हुआ। यह सेंसेक्स का 12 महीने से अधिक का निचला स्तर है।

इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 331.55 अंक यानी 2.11 प्रतिशत की गिरावट के साथ 15,360.60 अंक पर बंद हुआ।

बाजार में गिरावट से निवेशकों को 5.54 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 2,39,20,631.65 करोड़ रुपये पर आ गया।

नेस्ले इंडिया को छोड़कर सेंसेक्स के सभी शेयर नुकसान में रहे। टाटा स्टील, टेक महिंद्रा, भारती एयरटेल, विप्रो, इंडसइंड बैंक, बजाज फाइनेंस, कोटक महिंद्रा बैंक, एनटीपीसी और बजाज फिनसर्व 6.04 प्रतिशत तक लुढ़क गये।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘फेडरल रिजर्व का नीतिगत दर में वृद्धि का निर्णय उम्मीद के अनुरूप था। इसीलिए शुरुआती कारोबार में बाजार में बढ़त रही। लेकिन मंदी की आशंका ने वैश्विक धारणा को प्रभावित किया। अमेरिका में वृद्धि अनुमान में कमी और अगली मौद्रिक नीति समीक्षा में आक्रामक रुख बरकरार रखने के संकेत से अर्थव्यवस्था में मंदी की आशंका बढ़ी है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मौजूदा समय में सुरक्षित क्षेत्र वे हैं, जो मुद्रास्फीति और आक्रमक नीतिगत रुख से कम प्रभावित हैं। इसमें वित्त और सेवा क्षेत्र शामिल हैं। दीर्घकालीन आधार पर रक्षात्मक नजरिये से खपत, आईटी, औषधि और दूरसंचार क्षेत्र बेहतर हैं।’’

एशिया के अन्य बाजारों में चीन का शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में जबकि जापान का निक्की और दक्षिण कोरिया का कॉस्पी मामूली बढ़त में रहे।

यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर के कारोबार में तेज गिरावट का रुख था। स्विस नेशनल बैंक के 15 साल में पहली बार नीतिगत दर बढ़ाने के बाद यूरोपीय बाजार नुकसान में रहे।

इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.66 प्रतिशत की गिरावट के साथ 117.68 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।

डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर 12 पैसे चढ़कर 78.10 (अस्थायी) पर बंद हुई।

शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने बुधवार को 3,531.15 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।

भाषा

रमण अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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