नयी दिल्ली, 30 मई (भाषा) सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सकल घरेलू उत्पाद के 4.8 प्रतिशत के अपने राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को हासिल कर लिया है। लेखा महानियंत्रक ने शुक्रवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी।
बीते वित्त वर्ष में सरकार का राजकोषीय घाटा 15,77,270 करोड़ रुपये रहा, जो फरवरी में संसद में पेश किए गए संशोधित अनुमान (15,69,527 करोड़ रुपये) के लगभग बराबर है।
इससे पहले, जारी जीडीपी आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार बढ़कर 330.68 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है।
सीजीए के आंकड़ों के अनुसार, सरकार 30.36 लाख करोड़ रुपये या संशोधित बजट अनुमान (आरई) का 98.3 प्रतिशत तक राजस्व संग्रह करने में सफल रही।
इसमें 24.99 लाख करोड़ रुपये कर राजस्व (केंद्र को शुद्ध रूप से), 5.37 लाख करोड़ रुपये गैर-कर राजस्व और 41,818 करोड़ रुपये की गैर-ऋण पूंजी प्राप्तियां शामिल हैं।
गैर-ऋण पूंजी प्राप्तियों में ऋणों की वसूली (24,616 करोड़ रुपये) और विविध पूंजी प्राप्तियां (17,202 करोड़ रुपये) शामिल हैं।
वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान केंद्र सरकार का व्यय 46.55 लाख करोड़ रुपये या संशोधित अनुमान का 98.7 प्रतिशत था।
वित्त वर्ष 2023-24 में केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 5.63 प्रतिशत था।
इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि राजकोषीय घाटा वित्त वर्ष 2024-25 के संशोधित अनुमान से थोड़ा अधिक है। हालांकि ऐसा प्राप्तियों में कम कमी के साथ पूंजीगत व्यय में वृद्धि के कारण हुआ, जो स्वागत योग्य है।
उन्होंने कहा कि 2024-25 में जीडीपी के आंकड़ों में ऊपर की ओर संशोधन भी एक अच्छा संकेत है।
भाषा पाण्डेय रमण
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