इंदौर, 26 फरवरी (भाषा) केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शनिवार को किसानों को फसलों का बीमा कराने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से एक राष्ट्रव्यापी अभियान की शुरुआत की।
उन्होंने कहा कि अलग-अलग मदों में किसानों को सरकार की ओर से होने वाले भुगतान की व्यवस्था को दलालों और बिचौलियों के चंगुल से मुक्त कर दिया गया है।
तोमर ने इंदौर से करीब 35 किलोमीटर दूर बूढ़ी बरलाई गांव में बड़ी संख्या में किसानों की मौजूदगी में ‘मेरी पॉलिसी, मेरे हाथ’ अभियान की शुरुआत की।
उन्होंने इसके बाद संवाददाताओं से कहा,‘‘हम इस अभियान के जरिये देश भर में उन किसानों तक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का दस्तावेज (पॉलिसी डाक्युमेंट) पहुंचाएंगे, जिन्होंने यह बीमा करा रखा है। हम चाहते हैं कि जो किसान फसल बीमा नहीं करा रहे हैं, वे भी बीमा कराने के लिए जागरूक और प्रेरित हों।’’
कृषि मंत्री ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार की पारदर्शिता के कारण प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का भुगतान सीधे किसानों के खातों में पहुंच रहा है और ‘‘इस व्यवस्था में दलालों तथा बिचौलियों की कोई जगह नहीं है।’’
तोमर ने बताया कि पिछले छह सालों में कुल 36 करोड़ किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से जुड़े हैं और प्राकृतिक आपदाओं से फसलों को नुकसान के एवज में संबंधित किसानों को एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का मुआवजा प्रदान किया गया है।
कृषि कानूनों के मुद्दे का पंजाब विधानसभा चुनावों के आगामी परिणाम पर संभावित असर के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने संक्षिप्त प्रतिक्रिया में कहा,‘‘(चुनाव परिणामों पर) कृषि कानूनों का कोई नकारात्मक या सकारात्मक प्रभाव नहीं होगा।’’
गौरतलब है कि दिल्ली की सरहदों पर साल भर चले किसान आंदोलन के बाद केंद्र सरकार को तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना पड़ा था।
तोमर ने मध्यप्रदेश में कांग्रेस की पिछली सरकारों पर किसानों के हितों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि इन सरकारों के राज में सिंचाई के साधनों और बिजली की भारी किल्लत थी।
उन्होंने यह भी बताया कि केंद्र सरकार डिजिटल कृषि मिशन के तहत राज्य सरकारों के साथ मिलकर एक तंत्र बना रही है और इसके जरिये किसानों, उनके खेतों और सरकारी योजनाओं से उनके जुड़ाव आदि का ब्योरा एक ही मंच पर जुटाया जाएगा।
‘मेरी पॉलिसी, मेरे हाथ’ अभियान की शुरुआत के दौरान मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद थे।
भाषा हर्ष राजकुमार पाण्डेय
पाण्डेय
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