नयी दिल्ली, 18 मई (भाषा) स्थानीय शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह मुख्य रूप से कंपनियों के बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के नतीजों, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के प्रवाह और वैश्विक रुख से तय होगी। विश्लेषकों ने यह राय जताई है।
उन्होंने कहा कि वैश्विक व्यापार करार से जुड़े घटनाक्रम और वैश्विक बाजारों की स्थिति पर भी सभी की निगाह रहेगी।
मास्टर ट्रस्ट ग्रुप के निदेशक पुनीत सिंघानिया ने कहा, ‘‘चूंकि भारत-पाकिस्तान तनाव अब शांत हो गया है और सभी प्रमुख भू-राजनीतिक घटनाएं पीछे छूट गई हैं, ऐसे में निवेशकों का ध्यान कंपनियों के चौथी तिमाही के नतीजों पर रहेगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा भारत-अमेरिका व्यापार समझौते के जल्द पूरा होने की उम्मीदें बढ़ रही हैं, जिससे बाजार धारणा को और समर्थन मिल सकता है।’’
उन्होंने कहा कि घरेलू घटनाक्रम और प्रमुख वैश्विक आर्थिक आंकड़े भी निवेशकों के प्रवाह और बाजार की दिशा को प्रभावित करेंगे।
इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया है कि भारत, अमेरिकी वस्तुओं पर 100 प्रतिशत शुल्क कटौती करने को तैयार है और अमेरिकी तथा भारत के बीच एक व्यापार समझौता जल्द ही होने वाला है।
इस सप्ताह जिन प्रमुख कंपनियों के तिमाही नतीजे आने हैं उनमें पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, ओएनजीसी, सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज, आईटीसी और जेएसडब्ल्यू स्टील शामिल हैं।
रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष-शोध अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘इस सप्ताह कोई बड़ा वैश्विक या घरेलू घटनाक्रम नहीं है, ऐसे में बाजार का ध्यान तिमाही नतीजों तथा आने वाले आर्थिक आंकड़ों पर रहेगा। वैश्विक व्यापार करार से जुड़े घटनाक्रमों पर भी सभी की निगाह रहेगी।’’
उन्होंने कहा कि साथ ही बाजार भागीदार विदेशी पूंजी के प्रवाह पर भी नजर रखेंगे, जिसने हाल के समय में बाजार की तेजी में प्रमुख भूमिका निभाई है।
मिश्रा ने कहा कि इस सप्ताह ओएनजीसी, आईटीसी, हिंडाल्को, जेएसडब्ल्यू स्टील और पावर ग्रिड जैसी कंपनियां अपने तिमाही नतीजों की घोषणा करेंगी।
बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 2,876.12 अंक या 3.61 प्रतिशत के लाभ में रहा। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 1,011.8 अंक या 4.21 प्रतिशत चढ़ गया।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के प्रमुख-शोध, संपदा प्रबंधन सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि सप्ताह के दौरान तिमाही नतीजों पर सभी का ध्यान रहेगा।
विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) जो 2025 के पहले तीन माह में बिकवाल रहे थे और उन्होंने 1,16,574 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे, अप्रैल में फिर लिवाल बन गए हैं। एफआईआई की रणनीति में बिकवाली से खरीदारी की ओर यह बदलाव मई में और तेज हो गया है। 16 मई तक एफआईआई ने 23,778 करोड़ रुपये की बड़ी खरीदारी की है।
जियोजीत इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘‘अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध में विराम और भारत-पाक संघर्ष की समाप्ति के बाद वैश्विक व्यापार के साथ-साथ निवेश परिदृश्य में भी सुधार हुआ है।’’
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