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गुरूवार, 15 मई, 2025
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देश का निर्यात अप्रैल में नौ प्रतिशत बढ़कर 38.49 अरब डॉलर, व्यापार घाटा पांच महीने के उच्चस्तर पर

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नयी दिल्ली, 15 मई (भाषा) इलेक्ट्रॉनिक और इंजीनियरिंग वस्तुओं के बेहतर प्रदर्शन से भारत का निर्यात अप्रैल में 9.03 प्रतिशत बढ़कर 38.49 अरब डॉलर रहा। वहीं व्यापार घाटा बढ़कर पांच महीने के उच्चस्तर 26.42 अरब डॉलर पर पहुंच गया।

वाणिज्य मंत्रालय के बृहस्पतिवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, कच्चे तेल और उर्वरक के आयात में वृद्धि से अप्रैल में आयात सालाना आधार पर 19.12 प्रतिशत बढ़कर 64.91 अरब डॉलर रहा।

आयात बढ़ने से व्यापार घाटा यानी आयात और निर्यात के मूल्य के बीच का अंतर नवंबर, 2024 के बाद से उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। उस समय यह 31.77 अरब डॉलर था।

माह के दौरान जिन क्षेत्रों में निर्यात वृद्धि दर्ज की गई, उनमें तंबाकू, कॉफी, समुद्री उत्पाद, चाय, सिले-सिलाये परिधान, चावल, रत्न और आभूषण, मसाले, पेट्रोलियम उत्पाद और औषधि शामिल हैं।

इलेक्ट्रॉनिक और इंजीनियरिंग वस्तुओं का निर्यात क्रमशः 39.51 प्रतिशत और 11.28 प्रतिशत बढ़कर 3.69 अरब डॉलर और 9.51 अरब डॉलर रहा।

दूसरी तरफ, कच्चे तेल का आयात अप्रैल में 25.6 प्रतिशत बढ़कर 20.7 अरब डॉलर हो गया, जबकि सोने का आयात 4.86 प्रतिशत बढ़कर 3.09 अरब डॉलर रहा।

वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि भारत इस निर्यात गति को बनाए रखेगा और वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद यह हमारे लिए एक अच्छा वर्ष होना चाहिए।’’

उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने इस साल अच्छी शुरुआत की है। निर्यातकों ने अपने कारोबार में मजबूती हासिल की है।’’

सचिव ने यह भी कहा कि 20 देशों और छह वस्तुओं पर ध्यान केंद्रित करने की रणनीति के सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं और वाणिज्य मंत्रालय इस पर ध्यान केंद्रित देना जारी रखेगा।

उन्होंने कहा कि कई देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते जल्दी अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचने जा रहे हैं।

आंकड़ों के अनुसार, सेवा निर्यात का मूल्य अप्रैल में 35.31 अरब डॉलर रहा, जबकि पिछले साल इसी महीने में यह 30.18 अरब डॉलर था।

वहीं, सेवाओं के आयात का अनुमानित मूल्य अप्रैल 2025 में 17.54 अरब डॉलर था, जबकि बीते साल अप्रैल में यह 16.76 अरब डॉलर था।

निर्यातकों के शीर्ष संगठन फियो के अध्यक्ष एस सी रल्हन ने कहा, ‘‘अप्रैल, 2025 में भारत का व्यापार प्रदर्शन वित्त वर्ष की एक बेहतर शुरुआत का संकेत देता है। यह भारतीय निर्यातकों की मजबूती, परिस्थिति के हिसाब से ढलने और वैश्विक प्रतिस्पर्धी क्षमता को दर्शाता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर तनाव, मुद्रास्फीति के रुख और आपूर्ति श्रृंखला में बाधाओं सहित वैश्विक चुनौतियों के बावजूद यह वृद्धि भारतीय निर्यात के मजबूत बुनियादी ढांचे को रेखांकित करती है।

भाषा रमण अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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