नयी दिल्ली, नौ जुलाई (भाषा) केंद्रीय बिजली मंत्री मनोहर लाल ने बुधवार को कहा कि भारत की कुल स्थापित बिजली क्षमता में नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़ी है और साल के अंत तक 50 प्रतिशत का लक्ष्य हासिल होने की पूरी उम्मीद है।
भारत ने 2030 तक अपनी कुल बिजली उत्पादन क्षमता का 50 प्रतिशत हरित ईंधन स्रोतों से हासिल करने का लक्ष्य रखा है।
उद्योग संगठन इंडिया एनर्जी स्टोरेज अलायंस (आईईएसएस) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में लाल ने कहा, ‘‘हम 472 गीगावाट (एक गीगावाट बराबर 1,000 मेगावाट) की कुल उत्पादन क्षमता में लगभग 50 प्रतिशत (नवीकरणीय क्षमता की हिस्सेदारी) तक पहुंच गए हैं और साल के अंत तक हम इसे पूरी तरह से हासिल कर लेंगे।’’
मंत्री ने कहा कि सरकार इस बात से अवगत है कि देश की बढ़ती बिजली मांग को पूरा करने के लिए सौर और पवन ऊर्जा क्षमताओं की आवश्यकता होगी और इस क्षेत्र में कई उपलब्धियां हासिल की गई हैं।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 31 मई तक भारत की कुल स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता 475.59 गीगावाट थी। कुल क्षमता में से 235.53 गीगावाट सौर, पवन और परमाणु ऊर्जा सहित नवीकरणीय ऊर्जा ईंधन स्रोतों से प्राप्त होती है।
भारत ने अगस्त, 2022 में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (यूएनएफसीसी) में राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान के तहत 2030 तक अपनी कार्बन उत्सर्जन तीव्रता को 45 प्रतिशत तक कम करने (2005 के स्तर की तुलना में) और 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से कुल विद्युत क्षमता का 50 प्रतिशत प्राप्त करने की प्रतिबद्धता जताई है।
लाल ने कहा कि ग्रिड को स्थिरता प्रदान करने और 24 घंटे स्वच्छ ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए ऊर्जा भंडारण प्रणालियों की आवश्यकता है।
आईईएसए ने बयान में कहा कि मंगलवार को शुरू हुए चार दिवसीय कार्यक्रम में 20 से अधिक देशों के लगभग 1,000 प्रतिभागी, वरिष्ठ सरकारी अधिकारी और उद्योग शामिल हुए हैं।
भाषा रमण अजय
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