नयी दिल्ली, नौ जुलाई (भाषा) केंद्र सरकार ने बुधवार को जिलाधिकारियों से जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) के तहत परियोजनाओं का समय पर क्रियान्वयन सुनिश्चित करने और खनन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने को कहा।
सरकार ने 23 राज्यों के 645 जिलों में जिला खनिज फाउंडेशन स्थापित किए हैं। जिलाधिकारी जिले के डीएमएफ की संचालन परिषद और प्रबंध समिति के अध्यक्ष होते हैं।
डीएमएफ खनन से संबंधित कार्यों से प्रभावित प्रत्येक भारतीय जिले के लिए एक गैर-लाभकारी वैधानिक ‘कोष’ है।
खान सचिव वी एल कांता राव ने यहां राष्ट्रीय जिला खनिज फाउंडेशन की एक कार्यशाला में कहा, ‘‘हर तरफ से यह मांग उठ रही है कि इतने बड़े कोष के लिए, आपने कलेक्टर को चेयरमैन बनाया है। और उस कलेक्टर से ऊपर के लोग उस बैठक में सदस्य के रूप में जाते हैं। इस तरह की तमाम बातें हो रही है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन सरकार इस बात को लेकर बिल्कुल स्पष्ट रही है कि कलेक्टर या जिलाधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि खनन से प्रभावित लोगों के लाभ के लिए कार्य समय पर पूरे हों।’’
सचिव ने कहा कि खान मंत्रालय को डीएमएफ से संबंधित कई शिकायतें मिली हैं, जिनमें राशि का खर्च न होना भी शामिल है।
उन्होंने यह भी कहा कि कि एक राज्य ऐसा भी है जहां डीएमएफ कोष से एक पैसा भी खर्च नहीं किया गया है।
सचिव ने कहा, ‘‘एक राज्य में तो खर्च शून्य है। इसलिए हर तरह की शिकायतें हैं। इसलिए हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि इन शिकायतों का समाधान हो।’’
कोयला और खान मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि डीएमएफ का पैसा प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना के दिशानिर्देशों के अनुसार सख्ती से खर्च किया जाना चाहिए।
भाषा रमण अजय
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