नयी दिल्ली, 11 अप्रैल (भाषा) केंद्र ने सोमवार को कहा कि राशन दुकानों पर सीमित मांग तथा अधिशेष भंडार होने के कारण भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) अतिरिक्त सेला (उसना) चावल की खरीद नहीं कर सकता और इस बारे में तेलंगाना सरकार को बहुत पहले ही बता दिया गया था। केंद्र ने कहा कि सरकार समान और गैर-भेदभावपूर्ण खरीद नीति का पालन करती है।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के दिल्ली में विरोध प्रदर्शन के बाद केंद्रीय खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने सेला चावल की खरीद पर केंद्र की स्थिति स्पष्ट की। राव ने चेतावनी दी कि अगर राज्य की सेला चावल की खरीद की मांग चौबीस घंटों के भीतर पूरी नहीं हुई तो वह आंदोलन तेज करेंगे।
पांडे ने संवाददाताओं से कहा कि केंद्र किसी भी राज्य से धान की खरीद नहीं करता है। यह केवल पीडीएस की मांग के अनुसार कच्चे चावल और बहुत कम मात्रा में सेला चावल खरीदता है। इसलिए, सभी राज्यों के लिए एक समान और गैर-भेदभावपूर्ण नीति है।
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले साल अगस्त में खाद्य सचिवों की एक बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि एफसीआई के पास बढ़ते सेला चावल स्टॉक को देखते हुए खरीफ विपणन सत्र (केएमएस) 2021-22 के दौरान केंद्रीय पूल के लिए किसी भी राज्य से कोई भी सेला चावल नहीं लिया जाएगा।’’
एक अप्रैल, 2022 तक, एफसीआई के पास लगभग 40 लाख टन उसना चावल का भंडार था, जो लगभग दो साल की आवश्यकता के लिए पर्याप्त हो सकता है।
उन्होंने कहा कि अतिरिक्त सेला चावल का स्टॉक राज्यों से नहीं खरीदा जा सकता क्योंकि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत इस तरह के अनाज की कोई मांग नहीं है।
भाषा राजेश राजेश रमण
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