नयी दिल्ली, 15 मई (भाषा) भारतीय दूरसंचार क्षेत्र में कार्यबल की मांग स्थिर बनी हुई है, जिसमें 45 प्रतिशत कंपनियां 2025 की पहली छमाही में पढ़ाई पूरी कर निकलने वाले युवाओं (फ्रेशर) को नियुक्त करने की इच्छुक हैं। टीमलीज की नवीनतम रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
भर्ती और मानव संसाधन सेवा कंपनी टीमलीज की जनवरी-जून, 2025 अवधि के लिए जारी करियर परिदृश्य रिपोर्ट कहती है कि दूरसंचार क्षेत्र अब भी रोजगार सृजन का एक प्रमुख जरिया बना हुआ है। इस क्षेत्र में 5जी नेटवर्क और क्लाउड सेवाओं का प्रसार होने से नए रोजगार पैदा हो रहे हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 45 प्रतिशत दूरसंचार कंपनियों ने जनवरी-जून के दौरान युवा स्नातकों को भर्ती करने की मंशा जताई है, जो जुलाई-दिसंबर, 2024 की पिछली छमाही के 48 प्रतिशत के मुकाबले थोड़ा कम है।
रिपोर्ट कहती है कि विशिष्ट भूमिकाओं की मांग अभी भी मजबूत है। दूरसंचार क्षेत्र की भूमिकाओं का अब सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और डेटा कार्यों के साथ सम्मिलन हो रहा है, जिससे नए ‘हाइब्रिड जॉब’ वाले पद सृजित हो रहे हैं।
विभिन्न शहरों में विशिष्ट भूमिकाओं की मांग अलग-अलग है। दिल्ली, अहमदाबाद और कोयंबटूर में रेडियो फ्रीक्वेंसी (आरएफ) इंजीनियरों की सबसे अधिक मांग है। वहीं नेटवर्क सुरक्षा विश्लेषकों की मांग बेंगलुरु, मुंबई और नागपुर में अधिक है।
इसी तरह, क्लाउड नेटवर्क इंजीनियरों की सबसे अधिक मांग चेन्नई, नागपुर और चंडीगढ़ में दर्ज की गई है।
टीमलीज एडटेक के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) शांतनु रूज ने कहा, ‘‘कंपनियां न केवल संचालन बढ़ाने बल्कि अपने नेटवर्क को भविष्य के लिए तैयार करने के मकसद से विशिष्ट प्रतिभाओं को नियुक्त कर रही हैं। आरएफ, साइबर सुरक्षा और क्लाउड पारिस्थितिकी में लक्षित प्रमाणन वाले फ्रेशर के लिए अच्छे अवसर हैं।’’
दूरसंचार क्षेत्र की तेजी से बदलती भूमिकाओं को देखते हुए शैक्षणिक संस्थानों को अपने पाठ्यक्रम को नए सिरे से व्यवस्थित करने और उम्मीदवारों को तेजी से कौशल हासिल करने में मदद करने का सुझाव दिया गया है।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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