नयी दिल्ली, 20 फरवरी (भाषा) सरकार का दूरसंचार सेवाओं से राजस्व संग्रह अगले वित्त वर्ष में 52,806.36 करोड़ रुपये के बजट अनुमान से काफी अधिक रहेगा। स्पेक्ट्रम नीलामी से प्राप्त राजस्व भी जुड़ जाने से यह वृद्धि होने की संभावना है।
दूरसंचार विभाग के सचिव के राजारमण ने पीटीआई-भाषा के साथ बातचीत में कहा कि स्पेक्ट्रम नीलामी प्रस्तावित होने से राजस्व संग्रह बजट लक्ष्य से अधिक रहने की उम्मीद है। राजारमण ने कहा, ‘‘राजस्व संग्रह काफी अधिक रहेगा लेकिन इस स्तर पर हम कोई आंकड़ा दे पाने की स्थिति में नहीं हैं। इसकी वजह यह है कि हमारे पास कोई अनुशंसा नहीं है।’’
सरकार ने बजट में अगले वित्त वर्ष के लिए दूरसंचार राजस्व प्राप्ति के लक्ष्य को संशोधित करते हुए 52,806 करोड़ रुपये कर दिया है।
इसी तरह चालू वित्त वर्ष में राजस्व संग्रह 53,986.72 करोड़ रुपये के बजट पूर्वानुमान से कहीं अधिक 71,959.24 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। राजारमण ने कहा कि दूरसंचार विभाग ने वित्त वर्ष 2021-22 में तीन फऱवरी तक 69,559 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रह कर लिया है।
संचार सेवाओं से प्राप्त होने वाले राजस्व में दूरसंचार ऑपरेटरों से मिलने वाले लाइसेंस शुल्क के अलावा स्पेक्ट्रम प्रयोग शुल्क मद में हासिल राशि भी शामिल होती है।
दूरसंचार सचिव ने कहा, ‘‘हम फिलहाल स्पेक्ट्रम नीलामी से हासिल होने वाली राशि को लेकर अनुमान लगाने की स्थिति में नहीं हैं। इस बारे में दूरसंचार नियामक ट्राई की अनुशंसाएं मिलने के बाद उनमें कुछ बदलाव भी होंगे।’’
दूरसंचार विभाग 5जी स्पेक्ट्रम की कीमतों और आवंटन नियमों से जुड़ी सिफारिशें तय करने पर काम कर रहा है। इन्हें मार्च तक अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद है।
ट्राई ने पहले 3,300-3,600 मेगाहर्ट्ज बैंड में 5जी स्पेक्ट्रम के लिए 492 करोड़ रुपये प्रति मेगाहर्ट्ज का आधार मूल्य रखने का सुझाव दिया था। इस हिसाब से 5जी स्पेक्ट्रम खरीदने की इच्छुक कंपनियों को अखिल भारतीय स्तर पर 3,300-3,600 मेगाहर्ट्ज की मीडिया फ्रीक्वेंसी बैंड में स्पेक्ट्रम खरीदने पर न्यूनतम 9,840 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे।
राजारमण ने कहा कि सरकार कारोबारी सुगमता बढ़ाने, कारोबार की लागत कम करने और कंपनियों पर अनुपालन बोझ कम करने के साथ ही अप्रैल-मई में दूसरे चरण के सुधार लागू करने पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है।
भाषा
प्रेम अजय
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