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तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने कर्ज के बोझ को स्वीकारा, राज्य ने वेतन भुगतान के लिए आरबीआई से ऋण लिया

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हैदराबाद, 17 मार्च (भाषा) तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने कहा है कि उनकी सरकार कर्ज के बोझ और अन्य कारणों की वजह से नकदी संकट का सामना कर रही है, और भारतीय रिजर्व बैंक से 4,000 करोड़ रुपये का ऋण (छोटी राशि का अनौपचारिक कर्ज यानी हैंड लोन) प्राप्त करने के बाद कर्मचारियों को वेतन देने में सक्षम हुई है।

हाल ही में विधान परिषद में उन्होंने सरकारी कर्मचारियों से कठिन नकदी स्थिति को देखते हुए महंगाई भत्ते (डीए) और अन्य के भुगतान के संबंध में सहयोग करने का आग्रह किया, हालांकि वेतन हर महीने की पहली तारीख को दिया जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘हर महीने की पहली तारीख को वेतन देना मुश्किल हो जाता है। मैं यहां से अपने सरकारी कर्मचारियों से अपील करता हूं…. कि वे हर महीने की पहली तारीख को वेतन लेकर सरकार की सेवा करें। कभी-कभी, हमें रिजर्व बैंक से ऋण लेना पड़ता है… मैंने 4,000 करोड़ रुपये का ‘हैंड लोन’ लेकर पहली तारीख को वेतन का भुगतान किया।’’

उन्होंने कहा कि सरकार, कर्मचारियों की है, इसलिए वे वित्तीय स्थिति से संबंधित सभी तथ्य और आंकड़े उनके समक्ष रखेंगे, ताकि वे भुगतान पर अपने विचार दे सकें।

उन्होंने कहा कि महंगाई भत्ता और अन्य लाभ कर्मचारियों का अधिकार है। 12 मार्च को यहां एक कार्यक्रम में रेड्डी ने कहा था कि राज्य के राजस्व का बड़ा हिस्सा हर महीने वेतन, पेंशन और पिछली बीआरएस सरकार के दौरान लिए गए भारी कर्ज को चुकाने में खर्च हो जाता है, जिससे कल्याण कार्यक्रमों के लिए धन आवंटित करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है।

उन्होंने आरोप लगाया था कि पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने राज्य की वित्तीय स्थिति को बहुत खराब कर दिया है और इसकी तुलना ‘कैंसर’ से की।

हैदराबादी भाषा का इस्तेमाल करते हुए उन्होंने वित्तीय संकट को ‘ऊपर शेरवानी, अंदर परेशानी’ (बाहर से अच्छा दिखने वाला, लेकिन अंदर से परेशान) बताया।

भाषा राजेश अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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