कोलकाता, 13 मार्च (भाषा) चाय उद्योग ने सरकार से विशेष वित्तीय पैकेज की मांग की है। चाय उद्योग के प्रतिनिधियों ने कहा है कि यह क्षेत्र गंभीर संकट से जूझ रहा है और वित्तीय पैकेज के बिना इसको आर्थिक रूप से व्यवहार्य बनाए रखना मुश्किल है।
चाय उद्योग के निकायों की हाल में वाणिज्य पर संसद की स्थायी समिति के साथ बैठक हुई थी जिसमें क्षेत्र के समक्ष आ रही चुनौतियों के बारे में ज्ञापन भी दिया गया।
भारतीय चाय संघ (आईटीए) के महासचिव अरिजीत राहा ने कहा कि इस बैठक में उद्योग के सामान्य मुद्दों पर विचार किया गया। इसमें विशेषरूप से दार्जिलिंग की चाय की चर्चा हुई।
उन्होंने बताया कि दार्जिलिंग में चाय का उत्पादन काफी अधिक घट गया है। यह 1.2 करोड़ किलोग्राम से घटकर 60 लाख किलोग्राम रह गया है।
राहा ने कहा कि दार्जिलिंग में चाय का उत्पादन घटने के कई कारण हैं। वहां पहाड़ी क्षेत्र की वजह से चाय बागानों का विस्तार संभव नहीं है। इसके अलावा पुन:पौधरोपण भी काफी मुश्किल है।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा दार्जिलिंग की चाय के दाम लगातार नीचे आ रहे हैं। 2016 से 2021 के दौरान दार्जिलिंग की चाय के दाम सालाना आधार पर 1.7 प्रतिशत घटे हैं।
राहा ने कहा, ‘‘दार्जिलिंग का चाय उद्योग आर्थिक रूप से व्यावहारिक नहीं रह गया है। निर्यात में भी अन्य से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में हम चाहते हैं कि चाय उद्योग की मदद के लिए सरकार वित्तीय पैकेज प्रदान करे।’’
उन्होंने कहा कि उद्योग ने बैंकों से पूंजीगत ऋण पर ब्याज सहायता की भी मांग की है।
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