कोलकाता, तीन जून (भाषा) भारतीय चाय उद्योग के अगले दो-तीन साल में एक अरब डॉलर का निर्यात लक्ष्य हासिल करने की संभावना है जिसके लिए केंद्र की मदद की भी जरूरत होगी।
भारतीय चाय निर्यातक संघ के चेयरमैन अंशुमान कनोड़िया ने शुक्रवार को कहा कि चाय की पैदावार के लिए अंतरराष्ट्रीय एमआरएल कानूनों को तर्कसंगत बनाने के लिए केंद्र की मदद की जरूरत होगी।
एमआरएल का आशय खाद्य उत्पादों की फसल पर इस्तेमाल किए गए कीटनाशकों की तैयार उत्पाद में बची रह गई मात्रा से है। चाय के निर्यात के लिए एमआरएल की कम मात्रा होना जरूरी है।
कनोड़िया ने कहा कि विदेशी बाजारों के लिए उगाई गई चाय का आयातक देशों के मानकों के अनुरूप होना जरूरी है। उन्होंने कहा, ‘यह ध्यान रखना जरूरी है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय चाय की गुणवत्ता बनी रहे और दुनिया भर में हमारी चाय को लोग पसंद करें।’
भारत ने साल 2021 में 19.59 करोड़ किलोग्राम चाय का निर्यात किया था। भारत से चाय खरीदने वाले देशों में रूस और ईरान जैसे देश शामिल हैं।
भाषा
प्रेम रमण
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