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सोमवार, 12 मई, 2025
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कर विभाग ने आकलन वर्ष 2025-26 के लिए सभी सात आईटीआर फॉर्म अधिसूचित किए

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नयी दिल्ली, 12 मई (भाषा) आयकर विभाग ने आकलन वर्ष 2025-26 के लिए सभी सात आयकर रिटर्न फॉर्म अधिसूचित कर दिए हैं।

छोटे और मझोले करदाताओं द्वारा दाखिल किए जाने वाले आईटीआर फॉर्म एक और चार को 29 अप्रैल को अधिसूचित किया गया था। ट्रस्ट और धर्मार्थ संस्थानों द्वारा दाखिल किए जाने वाले आईटीआर-7 को 11 मई को अधिसूचित किया गया।

आईटीआर-एक और चार में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है, जो सूचीबद्ध इक्विटी से पूंजीगत लाभ आय बताने से संबंधित है। इसके तहत सूचीबद्ध शेयरों से 1.25 लाख रुपये तक के दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पाने वाले व्यक्तियों के लिए रिटर्न दाखिल करना आसान बनाया गया है।

अब वेतनभोगी व्यक्ति और अनुमानित कराधान योजना के तहत आने वाले वे लोग, जिनका एक वित्त वर्ष में 1.25 लाख रुपये तक का दीर्घावधि पूंजीगत लाभ (एलटीसीजी) है, क्रमशः आईटीआर-1 और आईटीआर-4 दाखिल कर सकेंगे। पहले ऐसे व्यक्तियों/इकाइयों को आईटीआर-2 दाखिल करना होता था।

आयकर कानून के तहत, सूचीबद्ध शेयर और म्यूचुअल फंड की बिक्री से 1.25 लाख रुपये तक के एलटीसीजी को कर से छूट दी गई है। इसके आगे 1.25 लाख रुपये प्रति वर्ष से अधिक के लाभ पर 12.5 प्रतिशत कर लगता है।

सरकार ने 80सी, 80जीजी और अन्य धाराओं के तहत कटौती के दावे के संबंध में फॉर्म में कुछ बदलाव किए हैं। साथ ही, करदाताओं को टीडीएस कटौती के संबंध में आईटीआर में खंडवार पूरा विवरण प्रस्तुत करना होगा।

एक बार जब आयकर विभाग द्वारा आईटीआर दाखिल करने की सुविधा उपलब्ध करा दी जाएगी, तो लोग वित्त वर्ष 2024-25 में अर्जित आय के लिए आईटीआर दाखिल करना शुरू कर सकते हैं। व्यक्तियों तथा जिन लोगों को अपने खातों का ऑडिट नहीं करवाना है, उनके लिए आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है।

आम तौर पर, आईटीआर फॉर्म वित्त वर्ष की समाप्ति से पहले फरवरी/मार्च के आसपास अधिसूचित किए जाते हैं। हालांकि, इस बार आईटीआर फॉर्म और दस्तावेज दाखिल करने की सुविधा में देरी हुई क्योंकि राजस्व विभाग के अधिकारी नए आयकर विधेयक में व्यस्त थे जिसे फरवरी में संसद में पेश किया गया था।

आकलन वर्ष 2025-26 के लिए आईटीआर फॉर्म एक और चार उन व्यक्तियों और इकाइयों द्वारा दाखिल किए जाने हैं जिनकी कुल वार्षिक आय 50 लाख रुपये तक है।

आईटीआर फॉर्म एक (सहज) और आईटीआर फॉर्म चार (सुगम) सरल फॉर्म हैं जो बड़ी संख्या में छोटे तथा मध्यम करदाताओं की जरूरतों के अनुरूप हैं।

‘सहज’ को ऐसे व्यक्ति दाखिल कर सकते हैं, जिसकी वार्षिक आय 50 लाख रुपये तक हो और जो वेतन, एक मकान की संपत्ति, अन्य स्रोतों (ब्याज) तथा कृषि आय से 5,000 रुपये प्रति वर्ष तक की आय प्राप्त करता हो।

‘सुगम’ को ऐसे व्यक्तियों, हिंदू अविभाजित परिवारों (एचयूएफ) और कंपनियों(सीमित देयता भागीदारी (एलएलपी) के अलावा) द्वारा दाखिल किया जा सकता है, जिनकी कुल वार्षिक आय 50 लाख रुपये तक हो और व्यवसाय से और कोई पेशेवर आय हो।

आईटीआर-2 उन व्यक्तियों और एचयूएफ द्वारा दाखिल किया जाता है जिनकी आय, व्यवसाय या पेशेवर लाभ या प्राप्ति से नहीं होती है।

भाषा पाण्डेय अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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