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Saturday, 21 September, 2024
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शुल्क संबंधी उपायों से 2022-23 में भारत से इस्पात निर्यात 40% तक घट सकता है: क्रिसिल

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नयी दिल्ली, 20 जून (भाषा) चालू वित्त वर्ष में भारत का इस्पात निर्यात 40 प्रतिशत घटकर 1.2 करोड़ टन रहने की उम्मीद है। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के मुताबिक पिछले महीने सरकार द्वारा किए गए शुल्क संबंधी उपायों के चलते यह गिरावट होगी।

एजेंसी ने सोमवार को कहा कि तैयार इस्पात का निर्यात 2021-22 में 1.83 करोड़ टन के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया था और इस दौरान कीमतें भी अपने उच्चतम स्तर पर थीं।

सरकार ने 21 मई को इस्पात उद्योग द्वारा उपयोग किए जाने वाले कोकिंग कोल और फेरोनिकेल सहित कुछ कच्चे माल के आयात पर सीमा शुल्क माफ करने की घोषणा की। इसके अलावा लौह अयस्क के निर्यात पर शुल्क 50 प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया था। कुछ इस्पात मध्यवर्तियों के लिए शुल्क 15 प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया था।

क्रिसिल ने अपने शोध में कहा कि पिछले महीने कई तैयार स्टील उत्पादों पर लगाए गए 15 प्रतिशत निर्यात शुल्क के बाद इस वित्त वर्ष में भारत का इस्पात निर्यात 35-40 प्रतिशत घटकर 1.0-1.2 करोड़ टन हो जाएगा।

शोध में कहा गया कि इस दौरान घरेलू कीमतों में भी गिरावट होगी।

भाषा पाण्डेय

पाण्डेय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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