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Saturday, 16 November, 2024
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वर्ष 2025 तक तेल-गैस उत्खनन क्षेत्र दोगुना करने का लक्ष्यः पुरी

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नयी दि्ल्ली, चार फरवरी (भाषा) पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार को उम्मीद जतायी कि भारत वर्ष 2025 तक तेल एवं गैस उत्खनन क्षेत्रफल को दोगुना कर इसे पांच लाख वर्ग किलोमीटर कर तेल आयात पर अपनी निर्भरता कम करने में सफल रहेगा।

पुरी ने विश्व ऊर्जा नीति सम्मेलन 2022 में शिरकत करते हुए कहा कि घरेलू स्तर पर तेल एवं गैस उत्खनन का क्षेत्रफल वर्ष 2030 तक 10 लाख वर्ग किलोमीटर पहुंचाने का लक्ष्य भी रखा गया है। इससे घरेलू स्तर पर तेल एवं गैस उत्पादन बढ़ने के साथ ही तेल आयात पर निर्भरता भी कम होगी।

दुनिया का तीसरा बड़ा तेल एवं गैस उपभोक्ता देश भारत इन ऊर्जा स्रोतों के लिए आयात पर काफी हद तक आश्रित है। वह अपनी 80 प्रतिशत तेल जरूरत आयात से पूरी करता है जबकि गैस के मामले में यह निर्भरता 50 प्रतिशत की है।

पुरी ने कहा, ‘तेल एवं गैस का घरेलू उत्पादन बढ़ाने के मकसद से उत्खनन क्षेत्र का दायरा बढ़ाने का फैसला किया गया है। वर्ष 2025 तक इसे पांच लाख वर्ग किलोमीटर और उसके अगले पांच वर्षों में 10 लाख वर्ग किलोमीटर तक ले जाने का लक्ष्य है।’

पिछले पांच वर्षों में नई मुक्त क्षेत्र लाइसेंसिंग नीति के तहत सात दौर में तेल एवं गैस खनन क्षेत्रों की नीलामी की गई है जिसके बाद तेल एवं गैस उत्खनन का क्षेत्रफल बढ़कर दो लाख वर्ग किलोमीटर हो गया है।

पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि वर्ष 2025 तक भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार पांच लाख करोड़ डॉलर और 2030 तक 10 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है लिहाजा ऊर्जा जरूरतें भी उसी अनुपात में बढ़ेंगी। इसे पूरा करने के लिए घरेलू उत्पादन को बढ़ाना जरूरी है।

पुरी ने कहा, ‘बीपी एनर्जी परिदृश्य के मुताबिक वर्ष 2050 तक वैश्विक ऊर्जा मांग में भारत की हिस्सेदारी छह फीसदी के मौजूदा स्तर से दोगुनी होकर 12 फीसदी होने की संभावना है। भारत की ऊर्जा मांग बढ़ने का टिकाऊ विकास लक्ष्यों की उपलब्धि पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा।’

भाषा

प्रेम रमण

रमण

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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