नयी दिल्ली, 25 जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय मंगलवार को स्पाइसजेट की याचिका पर 28 जनवरी को सुनवाई के लिए सहमत हो गया। स्पाइसजेट ने अपनी याचिका में मद्रास उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें परिसमापन याचिका को स्वीकार करते हुए आधिकारिक परिसमापक को किफायती सेवाएं देने वाली एयरलाइन की संपत्तियों पर कब्जा लेने का निर्देश दिया गया था।
स्पाइसजेट ने उच्च न्यायालय की खंडपीठ के 11 जनवरी के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया था। खंडपीठ ने एकल न्यायाधीश की पीठ के हालिया फैसले को बरकरार रखा है, जिसमें एयरलाइन के परिसमापन का निर्देश दिया गया था। साथ ही उच्च न्यायालय से संबद्ध आधिकारिक परिसमापक को संपत्तियों की जब्ती का निर्देश दिया गया था।
स्विट्जरलैंड की कंपनी क्रेडिट सुइस एजी ने उच्च न्यायालय की एकल न्यायाधीश की पीठ के समक्ष आरोप लगाया था कि स्पाइसजेट विमान इंजनों के रखरखाव, मरम्मत और ओवरहॉलिंग के अपने 2.4 करोड़ डॉलर के बिलों का भुगतान करने में विफल रही है।
एयरलाइन की ओर से उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ से कहा, ‘‘यह स्पाइसजेट एयरलाइन के परिसमापन का मामला है। मैं जल्द सुनवाई का अनुरोध कर रहा हूं अन्यथा एयरलाइन बंद हो जाएगी। इसे शुक्रवार या सोमवार को सूचीबद्ध करें।’’ इसके बाद पीठ ने इस याचिका को शुक्रवार को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया।
उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने स्पाइसजेट की अपील को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि उसने अपनी अपील पर विचार के लिए कोई आधार पेश नहीं किया है।
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