नयी दिल्ली, 24 जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के अधिकारी को प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) के समक्ष पेश होने के आदेश पर रोक लगा दी है। सैट ने अनुचित व्यापार व्यवहार के मामले में सेबी के न्याय-निर्णय अधिकारी को पेश होने का निर्देश दिया था।
न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ ने सैट की मुंबई पीठ के दिए आदेश को चुनौती देने वाली सेबी की अपील पर न्यायाधिकरण को नोटिस जारी किया है।
शीर्ष अदालत ने सैट के आदेश के उस हिस्से पर भी रोक लगा दी है जिसमें न्याय-निर्णय अधिकारी को हलफनामा देकर यह स्पष्ट करने को कहा गया था कि पक्ष द्वारा देरी के लिए दी गई दलील को ‘साधारण’ तरीके से क्यों लिया गया था?
सैट ने अपने 16 दिसंबर, 2021 के आदेश में याचिकाकर्ता यतिन पांड्या की दलीलों पर संज्ञान लेते हुए कहा था कि सेबी के अधिकारी ने मामले को ‘लापरवाही’ से निपटाया, जो अपने कर्तव्य से ईमानदारी नहीं है।
पांड्या ने न्याय-निर्णय अधिकारी के मूल आदेश को चुनौती देते हुए सैट में अपील दायर की थी। उनका कहा था कि कारण बताओ नोटिस जारी करने में 12 साल का विलंब हुआ है।
सेबी ने शीर्ष अदालत के समक्ष दायर अपनी अपील में कहा था कि सैट का आदेश गलत और टिकने लायक नहीं होने के साथ अधिकार-क्षेत्र से भी अधिक था।
भाषा अजय प्रेम
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