नयी दिल्ली, 26 फरवरी (भाषा) उद्योग संगठन सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) ने शनिवार को कहा कि यूक्रेन और रूस के बीच संघर्ष के कारण सूरजमुखी तेल का आयात प्रभावित हो रहा है, और वह घरेलू आपूर्ति बनाए रखने और खुदरा कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए दूसरे देशों से खाद्य तेल आपूर्ति के विकल्प तलाश रहा है।
कारोबारियों को उम्मीद है कि खाद्य तेल की कीमतें स्थिर बनी रहेंगी, क्योंकि अगले महीने से घरेलू बाजार में सरसों तेल की आपूर्ति में सुधार होगा। सरसों की फसल की कटाई शुरू हो चुकी है।
वैश्विक कीमतों में तेज बढ़ोतरी के कारण भारत के खाद्य तेलों का कुल आयात 2020-21 के विपणन वर्ष (नवंबर से अक्टूबर) में पिछले वर्ष के मुकाबले 72,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 1.17 लाख करोड़ रुपये हो गया।
हालांकि, मात्रा के लिहाज से आयात 130 लाख टन पर स्थिर रहा।
एसईए के कार्यकारी निदेशक बी वी मेहता ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष के कारण सूरजमुखी तेल की आपूर्ति बाधित हो गई है। भारत सालाना 25 लाख टन सूरजमुखी तेल का आयात करता है, जिसमें से 70 फीसदी यूक्रेन से, 20 फीसदी रूस से और 10 फीसदी अर्जेंटीना से आता है।’’
उन्होंने कहा कि मासिक आधार पर लगभग दो लाख टन सूरजमुखी तेल का आयात किया जाता है।
मेहता ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पाम तेल और सोयाबीन तेल की कीमतों में तेजी का दबाव है।
उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि खाद्य तेल आयात पर हमारी निर्भरता 65 प्रतिशत है, इसलिए हम अपनी घरेलू आपूर्ति श्रृंखला को बनाए रखने और स्थानीय खुदरा कीमतों को स्थिर रखने के लिए दूसरे देशों से खाद्य तेल हासिल करने की सभी संभावनाएं तलाश रहे हैं।’’
मेहता ने कहा कि केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने स्थिति का जायजा लेने और घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के लिए शुक्रवार शाम खाद्य तेल उद्योग से जुड़े लोगों के साथ बैठक की।
भाषा पाण्डेय मानसी
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