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बुधवार, 7 मई, 2025
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जलवायु वित्त वर्गीकरण से संबंधित मसौदे पर सुझाव आमंत्रित

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नयी दिल्ली, सात मई (भाषा) वित्त मंत्रालय ने बुधवार को जलवायु वित्त वर्गीकरण से संबंधित एक मसौदा ढांचे पर सुझाव और टिप्पणियां आमंत्रित कीं।

वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत का जलवायु वित्त वर्गीकरण जलवायु-अनुकूल प्रौद्योगिकियों एवं गतिविधियों के लिए अधिक संसाधन मुहैया कराएगा ताकि देश वर्ष 2070 तक शुद्ध- शून्य उत्सर्जन के दृष्टिकोण को हासिल कर सके। इससे विश्वसनीय और सस्ती ऊर्जा तक दीर्घकालिक पहुंच भी सुनिश्चित होगी।

मंत्रालय ने कहा कि जलवायु वित्त वर्गीकरण पर पेश मसौदे में दृष्टिकोण, उद्देश्यों और सिद्धांतों की रूपरेखा दी गई है जो वर्गीकरण का आधार तैयार करेंगे।

मसौदे में भारत की जलवायु प्रतिबद्धताओं में योगदान देने वाली गतिविधियों, परियोजनाओं एवं उपायों को वर्गीकृत करने की पद्धति का भी विवरण दिया गया है। इसके साथ ही वर्ष 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य हासिल करने पर भी ध्यान दिया गया है।

मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग ने इस मसौदे पर टिप्पणियां और सुझाव भेजने की अंतिम तिथि 25 जून, 2025 तय की है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2024-25 के अपने बजट भाषण में जलवायु वित्त के लिए वर्गीकरण विकसित करने का प्रस्ताव लाने की घोषणा की थी।

सीतारमण ने कहा था, ‘‘हम जलवायु अनुकूलन और खतरों को दूर करने के लिए पूंजी की उपलब्धता बढ़ाने को जलवायु वित्त के लिए एक वर्गीकरण विकसित करेंगे। यह देश की जलवायु प्रतिबद्धताओं और हरित बदलाव की उपलब्धि का समर्थन करेगा।’’

मंत्रालय ने कहा कि मसौदा रूपरेखा क्षेत्रवार अनुलग्नकों को विकसित करने का आधार होगी। ये अनुलग्नक जलवायु-समर्थक माने जाने वाले उपायों, गतिविधियों एवं परियोजनाओं और बदलाव के प्रोत्साहन के लिए चिह्नित उपायों की रूपरेखा तैयार करेंगे।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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