नयी दिल्ली, 16 अप्रैल (भाषा) चालू 2023-24 सत्र में 15 अप्रैल तक देश का चीनी उत्पादन थोड़ा घटकर तीन करोड़ 10.9 लाख टन रह गया है। उद्योग निकाय इस्मा के मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार यह गिरावट कर्नाटक में कम उत्पादन की वजह से है।
वर्ष 2022-23 सत्र की समान अवधि में चीनी का उत्पादन तीन करोड़ 12.3 लाख टन रहा था।
भारत दुनिया का एक प्रमुख चीनी उत्पादक देश है। चीनी का मौसम अक्टूबर से सितंबर तक चलता है। वर्तमान में चीनी निर्यात पर अनिश्चितकाल के लिए प्रतिबंध लगा हुआ है।
भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने वर्ष 2023-24 सत्र के लिए शुद्ध चीनी उत्पादन अनुमान को संशोधित कर 3.2 करोड़ टन कर दिया है।
इस्मा के ताजा आंकड़ों के अनुसार, देश के प्रमुख चीनी उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन चालू सत्र में 15 अप्रैल तक एक करोड़ 9.2 लाख टन से अधिक रहा, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह एक करोड़ 5.9 लाख टन था।
इसी तरह देश के दूसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में उत्पादन उक्त अवधि में पहले के 96.7 लाख टन से बढ़कर एक करोड़ 1.4 लाख टन हो गया।
हालांकि, देश के तीसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य कर्नाटक में, चालू 2023-24 सत्र के 15 अप्रैल तक उत्पादन थोड़ा कम यानी 50.6 लाख टन रहा, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 54.9 लाख टन था।
उक्त अवधि में गुजरात और तमिलनाडु दोनों में चीनी का उत्पादन कम होकर क्रमशः 9,19,000 टन और 8,60,000 टन रहा।
इस्मा ने कहा कि इस साल अप्रैल के पहले पखवाड़े में चीनी मिलों के बंद होने की गति पिछले साल की तुलना में काफी अधिक रही है। इस सत्र में 15 अप्रैल तक लगभग 128 मिलों ने अपना परिचालन बंद कर दिया है, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में 55 मिलें बंद हो गई थीं।
इसमें कहा गया है कि कुल मिलाकर 448 कारखानों ने देशभर में अपना पेराई कार्य पूरा कर लिया है, जबकि पिछले साल अप्रैल के मध्य तक 401 कारखाने बंद थे।
भाषा राजेश राजेश अजय
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