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Monday, 18 November, 2024
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चालू वर्ष के लिए चीनी निर्यात अनुमान संशोधित कर 75 लाख टन किया गया: इस्मा

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नयी दिल्ली, चार मार्च (भाषा) भारत का चीनी निर्यात चालू विपणन वर्ष 2021-22 में सालाना आधार पर 15.38 प्रतिशत बढ़कर 75 लाख टन होने का अनुमान है। इसका कारण चीनी के वैश्विक उत्पादन में कमी के बीच भारतीय चीनी की मांग में वृद्धि की उम्मीद है। उद्योग निकाय इस्मा ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

देश ने अबतक 60 लाख टन चीनी के निर्यात के लिए अनुबंध किया है जबकि चालू विपणन वर्ष में फरवरी महीने तक 42 लाख टन चीनी का निर्यात किया जा चुका है।

चीनी विपणन वर्ष अक्टूबर से सितंबर तक चलता है। ब्राजील के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक देश है।

भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) के मुताबिक, ‘‘भारत चालू सत्र में 75 लाख टन चीनी का निर्यात करेगा, जबकि पहले अनुमान लगाया गया था कि 60 लाख टन चीनी का निर्यात होगा।’’

भारत से अधिक निर्यात होने की संभावना है क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय चीनी संगठन (आईएसओ) ने अपनी रिपोर्ट में विपणन वर्ष 2021-22 (अक्टूबर-सितंबर) में लगभग 19.3 लाख टन की वैश्विक कमी होने और निर्यातकों की अधिक भारतीय चीनी की खरीद की रुचि होने का संकेत दिया है।

इसमें कहा गया है कि भारतीय निर्यातकों के मार्च में 12-13 लाख टन का निर्यात करने और कुल निर्यात को 54-55 लाख टन तक ले जाने की संभावना है।

नवीनतम चीनी उत्पादन के आंकड़ों को साझा करते हुए, इस्मा ने कहा कि चालू विपणन वर्ष 2021-22 की अक्टूबर-फरवरी अवधि के दौरान कुल उत्पादन दो करोड़ 52.8 लाख टन तक पहुंच गया है, जो एक साल पहले की अवधि में दो करोड़ 34.8 लाख टन चीनी से 7.68 प्रतिशत अधिक है।

देश के शीर्ष चीनी उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में चीनी उत्पादन इस विपणन वर्ष की अक्टूबर-फरवरी की अवधि के दौरान 68.6 लाख टन यानी कम रहा, जबकि एक साल पहले की अवधि में 74.2 लाख टन का उत्पादन हुआ था।

हालांकि, देश के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन पहले के 84.8 लाख टन से बढ़कर 97.1 लाख टन हो गया। वहीं देश के तीसरे सबसे बड़े उत्पादक राज्य, कर्नाटक में, उक्त अवधि के दौरान चीनी उत्पादन पहले के 40.8 लाख टन से बढ़कर 50.8 लाख टन हो गया।

चालू विपणन वर्ष के फरवरी तक गुजरात में चीनी का उत्पादन 7,93,000 टन और तमिलनाडु में 4,53,000 टन तक पहुंच गया। इस्मा ने एक बयान में कहा कि शेष राज्यों ने उक्त अवधि में सामूहिक रूप से 23.7 लाख टन चीनी का उत्पादन किया।

इस्मा ने कहा कि महाराष्ट्र और कर्नाटक में गन्ने की उपलब्धता पहले की अपेक्षा से अधिक है। नतीजतन, महाराष्ट्र और कर्नाटक के उत्पादन अनुमान को इस वर्ष के लिए ऊपर की ओर संशोधित किया गया है, जबकि उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में ज्यादा बदलाव की उम्मीद नहीं है।

नतीजतन, देश के कुल चीनी उत्पादन अनुमान को संशोधित कर विपणन वर्ष 2021-22 के लिए तीन करोड़ 33 लाख टन किया गया है, जिसमें एथनॉल के बराबर 34 लाख टन चीनी को खपाने की बात को ध्यान में रखा गया है।

इस साल सितंबर के अंत तक देश के पास 68 लाख टन पिछले साल का बचा हुआ स्टॉक होने का अनुमान है।

भाषा राजेश राजेश रमण

रमण

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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