मुंबई, 28 जनवरी (भाषा) उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला ने ठोस लाभ देने वाले व्यवसायों को ही सफल बताते हुए शुक्रवार को कहा कि मूल्यांकन बढ़ने के बाद भी सकल लाभ (मार्जिन) और नकदी प्रवाह जैसी ‘‘भरोसेमंद पुरानी अवधारणाएं’’ मायने रखती हैं।
आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन बिड़ला ने अपने कर्मचारियों को दिए गए संदेश में कहा कि इकाई अर्थशास्त्र अंतत: मायने रखेगा। उन्होंनेकी यह टिप्पणी तरलता की अधिकता के बीच कारोबारों के उच्च मूल्यांकन की पृष्ठभूमि में आई है।
जोमेटो और पेटीएम जैसी कंपनियां लाभ नहीं कमाने के बावजूद धन जुटाने में कामयाब रही हैं। उच्च मूल्यांकन वाली कंपनियों द्वारा पैसा जुटाने पर कई लोगों ने लाभ की कमी के सवाल उठाए हैं। हालांकि मूल्यांकन का समर्थन करने वालों का कहना है कि इन व्यवसायों की भावी संभावनाओं को देखते हुए कारोबार को परंपरागत तरीके से देखने का नजरिया बदलने की जरूरत है।
बिड़ला ने कहा कि लंबे समय में, सतत बने रहने वाले सफल व्यवसाय वे ही होते हैं जो तिमाही दर तिमाही ठोस लाभ, समद्धि और आजीविका दें। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि किसी-न-किसी स्तर पर अंतत: इकाई अर्थशास्त्र मायने रखेगा। नकद प्रवाह और सकल लाभ जैसी पुरानी अवधारणाएं ही व्यवहार और गतिविधियों के लिए रास्ता दिखाएंगी।’’
भाषा
मानसी प्रेम
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