नई दिल्ली: बढ़ती मांग के कारण भारत के सेवा क्षेत्र में एक्टिविटि 13 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई है, निजी क्षेत्र के एक मासिक सर्वेक्षण में यह जानकारी दी गई है.
एसएंडपी ग्लोबल इंडिया सर्विसेज पीएमआई बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स की अप्रैल रीडिंग मार्च के 57.8 से बढ़कर 62 पर आ गई. रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल की रीडिंग 2010 के मध्य से आउटपुट में मासिक सबसे तेज विस्तार का संकेत देता है.
इंडेक्स को इस तरह से स्कोर किया जाता है- 50 से नीचे की रीडिंग संकुचन का संकेत देती है, जबकि 50 से ऊपर की रीडिंग गतिविधि में विस्तार को दर्शाती है. इस प्रकार, 62 संख्या गतिविधि में एक बहुत मजबूत विस्तार दर्शाती है.
रिपोर्ट में कहा गया है, “भारत में सेवा क्षेत्र की वृद्धि अप्रैल में काफी तेजी से बढ़ी है, मांग में मजबूती के कारण नए कारोबार और उत्पादन में करीब 13 वर्षों में सबसे तेजी से वृद्धि हुई है.”
हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि, जबकि कंपनियां भविष्य की व्यावसायिक गतिविधि के बारे में अधिक आशावादी हो गई हैं, रोजगार सृजन “नगण्य” बना हुआ है. इसके अलावा, सर्वेक्षण प्रतिभागियों ने मूल्य दबावों को एक मुद्दे के रूप में उजागर किया, जिसमें इनपुट लागत और आउटपुट शुल्क तेजी से बढ़ रहे थे जो उनके संबंधित दीर्घकालिक औसत से आगे निकल गए.
‘अप्रैल में न के बराबर देखी गई रोजगार वृद्धि’
रिपोर्ट में कहा गया है, “इनपुट लागत अप्रैल के दौरान तीन महीनों में सबसे तेज गति से बढ़ी और लंबी अवधि की सीरीज की प्रवृत्ति से आगे निकल गई. सर्वेक्षण के सदस्यों के अनुसार, भोजन, ईंधन, दवा, परिवहन और मजदूरी मुद्रास्फीति के मुख्य स्रोत थे.”
हालांकि, रिपोर्ट में मुख्य निष्कर्ष यह था कि जून 2010 के बाद से सबसे तेज गति से नए ऑर्डर बढ़ने के साथ सेवाओं की मांग में मजबूती से वृद्धि हुई है. सर्वेक्षण के सदस्यों ने नए ऑर्डर में वृद्धि के लिए न केवल मजबूत मांग, बल्कि प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण को भी जिम्मेदार ठहराया.
एस एंड पी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस के अर्थशास्त्र सहयोगी निदेशक पोलीन्ना डी लीमा ने रिपोर्ट के साथ शामिल अपनी टिप्पणियों में लिखा, “नवीनतम परिणामों में उजागर की गई कमजोरी का एक क्षेत्र श्रम बाजार था. बिक्री वृद्धि में पर्याप्त वृद्धि और आउटलुक के प्रति बेहतर व्यावसायिक भावना के बावजूद, अप्रैल में देखी गई रोजगार में वृद्धि नगण्य थी.”
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