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Sunday, 6 October, 2024
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शेयर बाजारों में लगातार पांचवें दिन तेजी, सेंसेक्स 936 अंक और चढ़ा

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मुंबई, 14 मार्च (भाषा) कच्चे तेल की कीमतों में नरमी के बीच बैंकिंग और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) शेयरों में जोरदार लिवाली से बीएसई का मानक सूचकांक सोमवार को 936 अंक और चढ़ गया। घरेलू शेयर बाजारों में तेजी का सिलसिला लगातार पांचवें कारोबारी सत्र में भी जारी रहा।

विश्लेषकों ने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच कूटनीतिक वार्ता बहाल होने की उम्मीदें बढ़ने से भी कारोबारी धारणा को मजबूती मिली। यूरोपीय बाजारों में भी इस वार्ता को लेकर सकारात्मक धारणा देखी गई।

बीएसई के 30 शेयरों वाले सेंसेक्स की शुरुआत सतर्कता के साथ हुई, लेकिन जल्द ही इसने तेजी पकड़ ली। एक समय तो यह 995.53 अंक तक चढ़ गया था। हालांकि कारोबार के अंत में सेंसेक्स 935.72 अंक यानी 1.68 प्रतिशत चढ़कर 56,486.02 अंक पर बंद हुआ।

इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 240.85 अंक यानी 1.45 प्रतिशत की तेजी के साथ 16,871.30 अंक पर पहुंच गया।

सेंसेक्स की कंपनियों में इन्फोसिस सर्वाधिक 3.76 प्रतिशत की बढ़त पर रही। एचडीएफसी बैंक भी पिछले हफ्ते नए डिजिटल उत्पाद लाने पर लगी रोक हटने के बाद 3.25 प्रतिशत चढ़ गया। इसके अलावा एसबीआई, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, मारुति सुजुकी, एचडीएफसी और विप्रो के शेयरों में भी बढ़त दर्ज की गई।

सेंसेक्स की कंपनियों में सिर्फ चार ही नुकसान में रहीं। हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड, सन फार्मास्युटिकल्स, डॉ रेड्डीज लैब और टाटा स्टील के शेयर 1.66 प्रतिशत तक की गिरावट पर रहे।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘निवेशकों के बीच रणनीतिक बिक्री के बजाय रणनीतिक खरीदारी का रुख देखा जा रहा है। जिंस उत्पादों की कीमतों में कमी आने से निवेश भी आ रहा है। विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिक्री और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आ रही है और कूटनीतिक मोर्चे पर दिख रही उम्मीदों से इसे आगे भी बल मिलता नजर आ रहा है।’’

हालांकि, नायर ने कहा कि वैश्विक स्तर पर निवेशकों की नजर अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की संभावित दर वृद्धि पर टिकी हुई है। उन्होंने कहा कि घरेलू स्तर पर बाजार थोक मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी जैसी घटनाओं को फिलहाल नजरअंदाज कर रहे हैं।

दो महीने तक नरम रहने के बाद फरवरी, 2022 में थोक मुद्रास्फीति बढ़कर 13.11 प्रतिशत रही है। अप्रैल 2021 के बाद लगातार 11 महीनों से थोक मुद्रास्फीति दहाई अंक में बनी हुई है।

बीएसई का स्मॉलकैप सूचकांक 0.31 प्रतिशत की बढ़त पर रहा जबकि मिडकैप में 0.02 प्रतिशत का सुधार देखा गया।

बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों में से कुल 1,749 कंपनियों में बढ़त रही, जबकि 1,723 कंपनियां घाटे में रहीं और 140 अन्य के शेयर स्थिर रहे।

एशिया के अन्य बाजारों में हांगकांग और शंघाई के बाजार खासी गिरावट के साथ बंद हुए, जबकि तोक्यो मामूली लाभ के साथ बंद हुआ। चीन में कोविड-19 संक्रमण के मामलों में अचानक आए उछाल से वहां के बाजारों में आशंका हावी रही।

यूरोपीय बाजार दोपहर के सत्र में काफी हद तक बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे।

इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 2.97 प्रतिशत की गिरावट के साथ 109.3 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 10 पैसे की गिरावट के साथ 76.54 रुपये प्रति डॉलर के भाव पर रहा।

विदेशी संस्थागत निवेशकों का भारतीय बाजारों में बिकवाली का सिलसिला जारी है। उपलब्ध सूचना के मुताबिक, शुक्रवार को विदेशी निवेशकों ने 2,263.90 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।

भाषा प्रेम अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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