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Thursday, 19 September, 2024
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शेयर बाजारों में लगातार तीसरे दिन गिरावट, सेंसेक्स 153 अंक टूटकर 10 माह के निचले स्तर पर

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मुंबई, 14 जून (भाषा) वैश्विक स्तर पर कमजोर रुख के बीच घरेलू शेयर बाजारों में मंगलवार को लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में गिरावट रही और बीएसई सेंसेक्स 153 अंक से अधिक के नुकसान के साथ बंद हुआ।

कारोबारियों के अनुसार, कमजोर वृहत आर्थिक आंकड़ों और डॉलर के मुकाबले रुपये के रिकॉर्ड निचले स्तर के करीब होने के साथ विदेशी संस्थागत निवेशकों की बाजार से लगातार पूंजी निकासी से भी स्थानीय बाजार पर असर पड़ा।

अमेरिकी फेडरल रिजर्व के बुधवार को नीतिगत निर्णय से पहले वैश्विक निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाया हुआ है। ऐसी आशंका है कि फेडरल रिजर्व बढ़ती महंगाई को काबू में लाने के लिये नीतिगत दर में वृद्धि कर सकता है।

तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 153.13 अंक यानी 0.29 प्रतिशत की गिरावट के साथ 52,693.57 अंक पर बंद हुआ। 30 जुलाई, 2021 के बाद सेंसेक्स का यह निचला स्तर है।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 42.30 अंक यानी 0.27 प्रतिशत की गिरावट के साथ 15,732.10 अंक पर बंद हुआ।

सेंसेक्स के शेयरों में इंडसइंड बैंक 2.12 प्रतिशत की गिरावट के साथ सर्वाधिक नुकसान में रहा। इसके अलावा टेक महिंद्रा, रिलायंस इंडस्ट्रीज, मारुति, एचडीएफसी लि., एचडीएफसी बैंक, एशियन पेंट्स और एचयूएल प्रमुख रूप से गिरावट में रहे।

बाजार में ज्यादातर गिरावट में रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी लि. और एचडीएफसी बैंक का योगदान रहा।

दूसरी तरफ लाभ में रहने वालों में भारती एयरटेल 1.63 प्रतिशत चढ़कर सर्वाधिक फायदे में रहा। इसके अलावा एनटीपीसी, अल्ट्राटेक सीमेंट, महिंद्रा एंड महिंद्रा, इन्फोसिस, डॉ. रेड्डीज और एलएंड भी 1.61 प्रतिशत तक लाभ में रहे।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘घरेलू बाजार में भारी बिकवाली पर लगाम लगी। इसका कारण वैश्विक उतार-चढ़ाव के बीच मई महीने में मासिक आधार पर खुदरा मुद्रास्फीति का नरम होना है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि थोक मुद्रास्फीति बढ़ने से बाजार पर असर पड़ा। बाजार फेडरल रिजर्व की कल होने वाली बैठक के नतीजे का सतर्कता के साथ इंतजार कर रहा है।’’

सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, मुख्य रूप से खाने के सामान और ईंधन के दाम में नरमी से खुदरा मुद्रास्फीति मई में नरम होकर 7.04 प्रतिशत रही।

हालांकि, कच्चे तेल के दाम और गर्मी बढ़ने से फल और सब्जियों की कीमतों में तेजी से थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति मई में बढ़कर रिकॉर्ड 15.88 प्रतिशत पर पहुंच गयी। इससे भारतीय रिजर्व बैंक के अगस्त में मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर बढ़ाये जाने की आशंका बढ़ी है।

रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में बाजार मामूली गिरावट के साथ बंद हुआ। हल्की शुरुआत के बाद बाजार में कई बार बढ़त देखने को मिली लेकिन यह बिकवाली दबाव से बच नहीं पाया।’’

उन्होंने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बुधवार को जारी होने वाली मौद्रिक नीति से पहले बाजार में दबाव रहा।

एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की नुकसान में जबकि हांगकांग का हैंगसेंग तथा चीन का शंघाई कंपोजिट लाभ में रहे।

यूरोप के बाजारों में दोपहर के कारोबार में गिरावट रही।

इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.68 प्रतिशत की बढ़त के साथ 123.1 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर एक पैसे की मामूली बढ़त के साथ 78.03 (अस्थायी) पर बंद हुई। सोमवार को रुपया सर्वकालिक निचले स्तर आ गया था।

शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने सोमवार को 4,164.01 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।

भाषा

रमण अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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