मुंबई, 29 अगस्त (भाषा) उच्च अमेरिकी शुल्क से पैदा हुए दबाव और विदेशी पूंजी की लगातार निकासी के बीच स्थानीय शेयर बाजार शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन गिरावट के साथ बंद हुए। सेंसेक्स में 271 अंक और निफ्टी में 74 अंक की गिरावट दर्ज की गई।
विश्लेषकों ने कहा कि अमेरिका की तरफ से भारतीय उत्पादों पर 27 अगस्त से 50 प्रतिशत शुल्क लगा दिए जाने के बाद से ही निवेशकों की धारणा सतर्क बनी हुई है।
बीएसई का 30 शेयरों वाला मानक सूचकांक सेंसेक्स 270.92 अंक यानी 0.34 प्रतिशत टूटकर 79,809.65 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 338.81 अंक की गिरावट के साथ 79,741.76 पर आ गया था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला मानक सूचकांक निफ्टी 74.05 अंक यानी 0.30 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,426.85 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स की कंपनियों में से महिंद्रा एंड महिंद्रा में सर्वाधिक 2.96 प्रतिशत की गिरावट आई जबकि रिलायंस इंडस्ट्रीज में 2.21 प्रतिशत नुकसान में रहा। इसके अलावा, इन्फोसिस, एनटीपीसी, टाटा मोटर्स और टेक महिंद्रा भी नुकसान में रहे।
दूसरी तरफ, लाभ में रहने वाले शेयरों में आईटीसी, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, ट्रेंट और लार्सन एंड टुब्रो शामिल हैं।
इस बीच, रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने 2026 की पहली छमाही में रिलायंस जियो का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने की घोषणा की। जियो अब विदेशों में अपने परिचालन का विस्तार करने के अलावा अपनी खुद की कृत्रिम मेधा प्रौद्योगिकी भी विकसित करेगी।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख (संपत्ति प्रबंधन) सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘भारतीय निर्यातों पर अमेरिका में 50 प्रतिशत शुल्क लगा दिए जाने से उपजी चिंताओं के चलते निफ्टी 74 अंकों की हल्की गिरावट के साथ बंद हुआ।’
यह शेयर बाजार में गिरावट का लगातार तीसरा सत्र रहा। पिछले तीन सत्रों में सेंसेक्स कुल 1,826.26 अंक यानी 2.23 प्रतिशत टूट चुका है जबकि निफ्टी में 540.9 अंक यानी 2.16 प्रतिशत की गिरावट आई है।
शुक्रवार को कारोबार के दौरान बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों में से 2,187 शेयर गिरावट में रहे जबकि 1,890 शेयरों में तेजी रही और 160 अन्य अपरिवर्तित रहे।
मझोली कंपनियों का बीएसई मिडकैप सूचकांक 0.41 प्रतिशत की गिरावट में रहा जबकि छोटी कंपनियों का स्मालकैप सूचकांक 0.29 प्रतिशत के नुकसान में रहा।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘अमेरिकी शुल्क के पूरे प्रभाव को समझने की कोशिशों के बीच निवेशकों की धारणा सतर्क रही। इस मुद्दे के बने रहने से कुछ क्षेत्रों में भारत के निर्यात की भावी प्रतिस्पर्धी क्षमता पर असर पड़ने की आशंका है।’
नायर ने कहा, ‘इक्विटी सूचकांकों का प्रदर्शन कमजोर रहा, खासकर मिडकैप एवं स्मॉलकैप खंड जोखिम से बचने और बढ़े हुए मूल्यांकन से प्रभावित हुए।’
साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स में कुल 1,497.2 अंक यानी 1.84 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई जबकि निफ्टी 443.25 अंक यानी 1.78 प्रतिशत टूटकर बंद हुआ।
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और जापान का निक्की गिरावट के साथ बंद हुए जबकि चीन का शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंग सेंग सकारात्मक दायरे में बंद हुए।
यूरोप के प्रमुख बाजार दोपहर कारोबार में गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। अमेरिकी बाजार में बृहस्पतिवार को तेजी रही थी।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.80 प्रतिशत गिरकर 68.07 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बृहस्पतिवार को 3,856.51 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 6,920.34 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे।
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